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Kerala Assembly Elections 2021: न्‍याय के लिए मां के आंसुओं से भीगा एक चुनाव चिन्ह, जानें पूरी कहानी

केरल के पलक्कड़ में 2017 में नाबालिग वालयार बहनों की मौत से पूरा प्रदेश सकते में आ गया था। 13 वर्षीय बड़ी बहन की लाश 13 जनवरी 2017 को मिली थी जबकि 4 मार्च को छोटी बहन की लाश मिली थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 05:17 PM (IST)
केरल में सीएम के खिलाफ निर्दलीय महिला प्रत्याशी को मिला 'बेबी फ्राक' चुनाव चिन्ह

नई दिल्ली, जेएनएन। इस बार केरल में एक चुनाव चिन्ह मानवीय संवेदना और संघर्ष का प्रतीक बनकर उभरा है। यह चुनाव चिन्ह है 'बेबी फ्राक' जो केरल के मुख्यमंत्री के खिलाफ धरमादम सीट से चुनाव लड़ रही एक महिला प्रत्याशी को आवंटित किया गया है। इस चुनाव चिन्ह के पीछे न्याय मांगती एक मां के आंसू हैं। इस बेबी फ्राक चुनाव चिन्ह के पीछे की कहानी द्रवित करती है और एक मां के सत्ता से संघर्ष की तस्वीर भी पेश करती है। केरल के पलक्कड़ में 2017 में नाबालिग वालयार बहनों की मौत से पूरा प्रदेश सकते में आ गया था।

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2017 में महिला की बेटियों की घर में मिली थी लाश, अब न्याय की आस में लड़ रही चुनाव

इन बच्चियों को कथित रूप से दुष्कर्म के बाद उनकी झोपड़ी में फांसी के फंदे से लटका दिया गया था। 13 वर्षीय बड़ी बहन की लाश 13 जनवरी 2017 को मिली थी जबकि 4 मार्च को छोटी बहन की लाश मिली थी। बता दें कि वालयार बहनों के केस में पोक्सो अदालत ने पांच आरोपितों को बरी कर दिया था, जिसके बाद केरल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद केरल हाई कोर्ट ने मामले की फिर से जांच के आदेश दिए थे।

इंसाफ के लिए मां का संघर्ष

तभी से उनकी मां अपनी बच्चियों के लिए इंसाफ की गुहार लगा रही है और अब केरल के सीएम के खिलाफ निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रही है। इसी मां को बेबी फ्राक चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है। वालयार बहनों की मौत के बाद मां ने पुलिस पर जांच में लीपापोती का आरोप लगाया था और बच्चियों को न्याय दिलाने की मांग की थी। अपनी बच्चियों के लिए संघर्ष कर रही इस मां ने खुद की चुनाव आयोग से बेबी फ्राक चुनाव चिन्ह की मांग की थी।

विधायक, मंत्री बनने का शौक नहीं

स्थानीय अधिकारियों से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का दरवाजा खटखटा चुकी वालयार बहनों की मां ने अब मतदाताओं के आगे हाथ जोड़े हैं। इस मां का कहना है कि मुझे विधायक या मंत्री बनने का शौक नहीं है। मैं तो सिर्फ धर्म के लिए लड़ रही हूं। मेरा सीएम से सवाल है कि न्याय कहां है। बेबी फ्राक के चुनाव चिन्ह के साथ अब यह महिला घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर अपनी बेटियों के न्याय के लिए जीत दिलाने की गुहार लगा रही है। बेटियों के लिए न्याय की इस जंग में महिला के साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।

ऐसे ही एक संगठन वालयार एजिटेशन कमेटी के संरक्षक सीआर नीलकंदन का कहना है कि इस मां की लड़ाई एक प्रतीकात्मक संघर्ष है। हम लोगों से मिल रहे हैं। महिला का आरोप है कि वह सीएम विजयन से मिली थी और इंसाफ की मांग की थी। महिला ने अपनी बच्चियों के साथ न्याय न होने के विरोध में मुंडन करा लिया था। दूसरी तरफ केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि उनकी सरकार महिला के साथ है और कभी उसका अहित नहीं किया है।


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