कर्नाटक में चला पीएम मोदी का जादू, भाजपा को मुस्लिम वोटरों का भी मिला साथ
चुनाव में कांग्रेस का लिंगायत कार्ड पूरी तरह से फेल होने के अलावा उसका वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम मतदाता भी दो हिस्सों में बंट गए।
बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक-हैदराबाद रीजन के मतदाताओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का जादू चल गया है। पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर कर्नाटक-हैदराबाद क्षेत्र को शुरू से ही कांग्रेस पार्टी का गढ़ कहा जाता था लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस का यह किला बुरी तरह से ध्वस्त हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी जनसभाओं तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो मुस्लिम बहुल आबादी वाले कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने में अहम साबित हुए हैं।
-कर्नाटक-हैदराबाद क्षेत्र में पार्टी को मिला 15 सीटों का लाभ
-कांग्रेस के किले में मोदी और शाह की रैलियों से मुस्लिम मतदाता बंटे
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक-हैदराबद क्षेत्र की कुल 40 सीटों में से 23 सीटों पर कांग्रेस, पांच पर भाजपा, चार पर जद (एस) तथा आठ सीटों पर निर्दलीयों ने चुनाव जीता था। इस क्षेत्र को कांग्रेस के कब्जे से मुक्त करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कलबुर्गी, रायचुर, बेल्लारी, कोप्पल व बीदर में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया।
मोदी ने प्रचार के दौरान अपनी अंतिम चुनावी जनसभा इसी क्षेत्र में आने वाले बीदर में की। उन्होंने कहा था कि अब वह केवल शपथ ग्रहण समारोह में ही भाग लेने के लिए आएंगे। इसी जनसभा में मोदी ने पहली बार खंडित जनादेश की बातों को खारिज करते हुए भाजपा के अपने बल पर सरकार बनाने का दावा भी किया था। इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कोप्पल, यादगीर और रायचुर में अमित शाह ने भी रोड शो किए थे।
पिछले चुनाव परिणाम के मुकाबले इस बार इस क्षेत्र में भाजपा को जहां 15 सीटों का लाभ हुआ है। वहीं कांग्रेस को सात सीटों का नुकसान झेलना पड़ा। मतदाताओं ने निर्दलीय प्रत्याशियों को पूरी तरह खारिज किया। इस पूरे क्षेत्र में मुस्लिम, लिंगायत, दलित और पिछड़ा वर्ग मतदाताओं की बहुतायत है।
चुनाव में कांग्रेस का लिंगायत कार्ड पूरी तरह से फेल होने के अलावा उसका वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम मतदाता भी दो हिस्सों में बंट गए। जातिवाद के माध्यम से अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले मुस्लिम मतदाता भले ही आज भी कांग्रेस के साथ हों लेकिन मध्यमवर्गीय और विकास पसंद मुस्लिम इस चुनाव में भाजपा के साथ पूरी तरह से खड़े नजर आए। इस क्षेत्र की कई मुस्लिम बहुल सीटों पर भाजपा की जीत ने यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस का खेला गया जातिवाद और धर्म का कार्ड फेल हो गया है और भाजपा की मुस्लिम विरोधी छवि भी इस क्षेत्र में टूट गई है।