Karnataka Results: राज्यपाल से मिले येदियुरप्पा और कुमारस्वामी, पेश किया सरकार बनाने का दावा
भाजपा नेता येदियुरप्पा राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। येदियुरप्पा के साथ भाजपा नेता अनंत कुमार, राजीव चंद्रशेखर और शोभा करंदलाजे भी साथ थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। कर्नाटक में 222 विधानसभा सीटों के रुझान और कुछ के नतीजें सामने आ गए हैं। इन रुझानों के बाद भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस सबकी स्थिति लगभग साफ हो गई है। लेकिन, राज्य में अगली सरकार किसकी होगी, इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है। भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि उसके पास सरकार बनाने के लिए 8 सीटें कम हैं। वहीं, कांग्रेस 78 सीटों पर सिमटती दिख रही है। भाजपा ने कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने का दावा किया है। भाजपा नेता येदियुरप्पा राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भाजपा 100 फीसदी राज्य में सरकार बनाने जा रही है। राज्यपाल ने हमें विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने को कहा है। येदियुरप्पा के साथ भाजपा नेता अनंत कुमार, राजीव चंद्रशेखर और शोभा करंदलाजे भी साथ थे।
इसी बीच जेडीएस किंगमेकर और किंग बनने की भूमिका में दिख रही है। 37 सीटों पर बढ़त बनाने वाली जेडीएस ने कांग्रेस का सरकार बनाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस का प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंच गए हैं।
एचडी कुमारस्वामी ने राज्यपाल को एक चिट्ठी भी लिखी है।
इससे पहले कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को समर्थन देने का ऐलान कर बड़ा दांव खेल दिया। कांग्रेस की चाल को देखते हुए भाजपा ने अपने तीन वरिष्ठ नेताओं प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान को कर्नाटक रवाना कर दिया है।
चार साल में 26 में से दो राज्यों में मिली कांग्रेस को जीत
देश में कांग्रेस की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। चार दिन की चांदनी, चार दिन की जिंदगी और चार राज्यों में कांग्रेस। ऐसी ही स्थिति हो गई है देशभर में कांग्रेस की। पिछले चार सालों की बात करें तो कुल 26 राज्यों में चुनाव हुए, जिनमें से कांग्रेस के हाथ सिर्फ दो राज्य ही आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते आए हैं। जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है, देशभर से कांग्रेस का सफाया होता जा रहा है। उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों में चुनाव से पहले देश के पांच राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन अब वो भी नहीं है।