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Jharkhand Assembly Election 2019: आचार संहिता की फांस, चुनाव में तेज हुई फरार अपराधियों की धर-पकड़

Jharkhand Assembly Election 2019 लगातार चौकसी के बाद अब भी राज्य में करीब 12 हजार से अधिक वारंटी हैं जो पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:45 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 07:45 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: आचार संहिता की फांस, चुनाव में तेज हुई फरार अपराधियों की धर-पकड़
Jharkhand Assembly Election 2019: आचार संहिता की फांस, चुनाव में तेज हुई फरार अपराधियों की धर-पकड़

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान विधि-व्यवस्था बाधित न हो, इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। चुनाव में फरार अपराधियों-वारंटियों की धर-पकड़ तेज हो गई है। इसी सक्रियता का नतीजा है कि दो दिन पूर्व रांची व खूंटी पुलिस ने संयुक्त छापेमारी अभियान चलाकर पीएलएफआइ के एक लाख के इनामी सब जोनल कमांडर अखिलेश गोप व हार्डकोर विनोद सांगा उर्फ झुबलू सहित 13 उग्रवादियों को दबोचा था।

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चतरा जिले में नक्सलियों की बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए लैंडमाइंस व विस्फोटकों की बरामदगी की थी। अभियान लगातार जारी है, ताकि हर स्तर पर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की जा सके। अब भी राज्य में करीब 12 हजार से अधिक वारंटी हैं, जो पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। उनकी फरारी की स्थिति में उन्हें भगोड़ा घोषित करने से लेकर उनपर एक और प्राथमिकी दर्ज करने की कवायद भी की जा रही है, ताकि उन्हें एक और केस झेलना पड़े। 

फरार अपराधियों पर भादवि की धारा 174 में प्राथमिकी दर्ज करने का है आदेश

झारखंड हाई कोर्ट में हरि सिंह बनाम झारखंड राज्य में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में यह जानकारी मिली कि राज्य में बड़ी संख्या में विभिन्न कांडों के अपराधी फरार हैं। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 व 83 के तहत कार्रवाई के बाद भी संबंधित अभियुक्त ने न्यायालय में आत्मसमर्पण नहीं किया। यह भी जानकारी मिली कि खूंखार अपराधी तथा उग्रवादी भी किसी कांड में संलिप्त होने के बाद फरार हो जाते हैं। इनके चलते संबंधित कांड के अनुसंधान के दौरान साक्ष्य संकलन में कठिनाई हो रही है। वे बाहर रहकर गवाहों को डराते-धमकाते रहते हैं। इसके चलते उनपर दर्ज कांडों में सजा कराना कठिन हो जाता है।

ऐसा न हो, इसके लिए ही भारतीय दंड संहिता में धारा 174ए जोड़ा गया। सबसे पहले किसी भी फरार अपराधी-नक्सली के विरुद्ध धारा 82 (2) के तहत नोटिस तामिल कराया जाता है। उसके बाद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 (4) के तहत विधिवत फरार घोषित किया जाएगा। इसके बाद भी वह आत्मसमर्पण नहीं करता है, तो उसके विरुद्ध संबंधित थाने में अनुसंधान पदाधिकारी या थानेदार के बयान पर भारतीय दंड विधान (भादवि) की धारा 174ए के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज की  जा सकती है। इसके तहत चार्जशीट भी किया जा सकता है और इसमें वारंट/इश्तेहार प्राप्त किया जा सकता है।

संदिग्धों पर 107 की भी कार्रवाई जारी

चुनाव के पूर्व संदिग्धों के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107 के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। अब तक 200 से अधिक संदिग्धों के विरुद्ध 107 के तहत कार्रवाई की जा चुकी है। ये वैसे तत्व हैं, जिनसे समाज को खतरा है। इनसे माहौल खराब हो सकता है और ये लोगों को किसी के विरुद्ध भड़का भी सकते हैं। ऐसे ही लोगों पर 107 की कार्रवाई शुरू हुई है।


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