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Jharkhand Assembly Election 2019 : रघुवर बनाम सरयू...मुकाबला तो इस बार टाइटे है... Chunavi chaupal

Jharkhand Assembly Election 2019. जमशेदपुर पूर्वी के मतदाताओं में इस बार सियासी बहस गरमा गई है। आइए पढिए लोग क्‍या कर रहे चर्चा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 09:37 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 : रघुवर बनाम सरयू...मुकाबला तो इस बार टाइटे है... Chunavi chaupal
Jharkhand Assembly Election 2019 : रघुवर बनाम सरयू...मुकाबला तो इस बार टाइटे है... Chunavi chaupal

जमशेदपुर, अमित तिवारी। Jharkhand Assembly Election 2019  एग्रिको में मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर एक चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा हो रही थी। यहां एग्रिको के राजू सिंह व भुइयांडीह ब्राह्मïण कालोनी के अरविंद पांडे के बीच चुनावी बहस अचानक रह-रहकर तेज हो रही थी। चर्चा रघुवर बनाम सरयू थी। इसी बीच जागरण की टीम वहां पहुंची। चाय का ठेला लगाने वाली सरिता देवी कहती सुनाई पड़ीं-'जब से चुनाव की घोषणा हुई है तब से इलाके में रौनक बढ़ गई है। सभी चुनावी चर्चा में मशगूल हैं और मैैं सबकी बातों को सुनती रहती हूं। इसबार जमशेदपुर पूर्वी में रघुवर दास व सरयू राय के बीच कड़ा मुकाबला होने की बात लोग कह रहे हैैं। 

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इधर, राजू सिंह व अरविंद पांडे के बीच शुरू हुई चुनावी चर्चा में और लोग शामिल हो जाते हैं। लोगों की संख्या बढ़कर आधे दर्जन से अधिक हो गई। राजू सिंह कहते हैैं कि सरयू राय भले ही चाणक्य कहे जाते हैं लेकिन रघुवर दास भी उनसे कम नहीं हैैं। रघुवर अपने अनुभव की वजह से ही मुख्यमंत्री बने हैैं। इसका विरोध करते हुए अरविंद पांडे कहते हैैं-मेरे ब्राह्मïण कालोनी में बीते 20 साल से पानी निकासी की सुविधा नहीं है। सारा पानी घर में घुस रहा है। समस्या के समाधान को लेकर पूरे बस्ती के लोग दौड़ते रहे लेकिन प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। अब बारी मतदाताओं की है। जवाब मिलेगा। सीतारामडेरा निवासी नीरज कुमार कहते हैैं, जनता अब जागरूक हो चुकी है। प्रत्याशी मैदान में खड़े हैैं, जो अच्छे होंगे उनको जनता जरूर जिताएगी। ग्वाला बस्ती के सनातन भुइयां कहते हैैं, इंसान से गलतियां होती रहती हैं। देखना है कि वोट किसे जाता है। वैसे मोदीजी आएंगे तो हवा बदलकर जाएंगे। नेताओं पर आरोप लगना कोई नई बात नहीं है। जेल से भी प्रत्याशी चुनाव जीतते हैैं।

 यहां इशारों की भाषा

इसके बाद दैनिक जागरण की टीम सरयू राय के नए घर बारीडीह स्थित विजया गार्डेन पहुंच गई। कॉलोनी के बाहर एक जनरल स्टोर है। यहां से 50 वर्षीय एक बुजुर्ग कुछ सामान खरीद रहा है। उससे दैनिक जागरण की टीम ने चुनावी माहौल को समझने की कोशिश की, लेकिन दोनों में से कोई बोलने को तैयार नहीं। बोले, बाबू मेरा नाम व फोटो छपने से जान का खतरा है। फिर दबी जुबान में कहते हैैं, रघुवर बनाम सरयू है..., मुकाबला इसबार टाइटे है। चुनाव में लोग पढ़े-लिखे एक ईमानदार नेता चुनेंगे। थोड़ा आगे बढऩे पर एक गैरेज मिला। वहां रमेश प्रसाद अपनी मोटरसाइकिल बनवा रहे  थे। उनका कहना है कि भइया, इसबार चुपा-चुप...वाला नारा खूब चल रहा है। आगे देखिए क्या होता है?

यहां हुआ है बड़ा खेल

अमित सिन्हा कहते हैैं, मोहरदा जलापूर्ति योजना में बहुत बड़ा खेल हुआ है। इस बार सबका हिसाब होगा। राघव मुर्मू कहते हैैं कि वह न सिर्फ एक विधायक चुन रहे हैैं बल्कि अगली सरकार भी चुन रहे हैं। बोले-मेरे क्षेत्र से मुख्यमंत्री होना गर्व की बात है। शंकर जोशी कहते हैैं सरयू राय को ऐसे ही नहीं चाणक्य कहा जाता है। उनकी ईमानदारी, जनता के लिए लडऩे की कला उनको एक बड़ा नेता बनाती है। प्रह्लाद कुमार कहते हैैं कि सिर्फ घोषणा करने से नहीं होता बल्कि उसपर अमल करना भी होता है।लोगों की बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास व सरयू राय के घरों के आस-पास रहने वालों के बीच चुनावी माहौल गर्म है। 


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