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Jharkhand Elections 2019: दांव पर होगी चुनाव लड़ रहे पार्टी अध्यक्षों की प्रतिष्ठा, जानिए कौन-कौन हैं रण में

Jharkhand Assembly Election 2019 लगभग सभी दलों के अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। कुछ पूर्व अध्यक्ष भी चुनाव मैदान में कई को नहीं मिला है अपनी पार्टी में टिकट

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 10:22 AM (IST)
Jharkhand Elections 2019: दांव पर होगी चुनाव लड़ रहे पार्टी अध्यक्षों की प्रतिष्ठा, जानिए कौन-कौन हैं रण में
Jharkhand Elections 2019: दांव पर होगी चुनाव लड़ रहे पार्टी अध्यक्षों की प्रतिष्ठा, जानिए कौन-कौन हैं रण में

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Jharkhand Assembly Election 2019  इस विधानसभा चुनाव में कई दलों के अध्यक्ष भी भाग्य आजमाएंगे। इनमें से कुछ अध्यक्षों/प्रदेश अध्यक्षों ने नामांकन भी कर दिया है, जबकि कुछ नामांकन की तैयारी में हैं। दलों ने अपने उम्मीदवार के रूप में इनके नामों की घोषणा कर दी है। कई दलों के पूर्व अध्यक्ष भी इस बार चुनाव मैदान में होंगे तो कई पूर्व अध्यक्षों के टिकट भी कट गए हैं। एक-दो ने पाला बदलकर चुनाव लडऩे का फैसला कर लिया है। 

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भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को पार्टी ने चक्रधरपुर सीट से टिकट दिया है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद वे विधानसभा जाने के लिए जोर लगा रहे हैं। कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी लोहरदगा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वहीं, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का भी चुनाव लडऩा तय है। आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो के अपनी परंपरागत सीट सिल्ली से ही चुनाव लडऩे की घोषणा हो गई है।

इसी तरह, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मझगांव सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। इस चुनाव में कई दलों के पूर्व अध्यक्ष भी अपना भाग्य आजमाएंगे। इनमें से अधिसंख्य पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। हाल ही में भाजपा में शामिल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत भाजपा के टिकट पर लोहरदगा से नामांकन कर दिया है।। इसी तरह, जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो इस बार कांग्रेस के टिकट पर बाघमारा से चुनाव लड़ेंगे।

इन पूर्व अध्यक्षों को नहीं मिला टिकट

दिनेशानंद गोस्वामी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

बहरागोड़ा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन भाजपा ने झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी को पार्टी में शामिल कर  टिकट दे दिया। गोस्वामी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे।

ताला मरांडी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मनमाने निर्णय लेने के आरोप में पद से हटाए जाने के बाद ताला मरांडी लगातार पार्टी के निशाने पर थे। ये पार्टी के विरुद्ध बयानबाजी भी कर रहे थे। नतीजा इन्हें इस बार टिकट नहीं मिला। अब ये झामुमो के संपर्क में हैं और इस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।

प्रदीप बलमुचू, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

लगातार तीन बार घाटशिला से विधायक रहनेवाले प्रदीप बलमुचू ने पिछले चुनाव में अपनी बेटी को घाटशिला से टिकट दिलवाया था, लेकिन उनकी हार हो गई थी। इस बार स्वयं चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर आजसू का दामन थाम लिया। घाटशिला से ही चुनाव लड़ेंगे।

गिरिनाथ सिंह, पूर्व अध्यक्ष, राजद

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजद छोड़कर भाजपा में आ गए थे। इन्हें न तो लोकसभा में टिकट मिला और न ही विधानसभा में। इनके आजसू में जाने की चर्चा थी, लेकिन नहीं गए। अब इनका चुनाव नहीं लडऩा तय हो गया है।


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