Raghubar Das Exclusive: पिता खलासी- खुद मजदूर; माड़-भात और मट्ठा से भरता है पेट...ऐसे कटी CM रघुवर की जिंदगी
Raghubar Das Exclusive बारह महीने में सिर्फ तीन महीने ही काम मिलता था। ऐसे में बिजली के सामान की दुकान खोली। कलकत्ता से ट्रेन के डिब्बे में बर्थ के नीचे सामान लाता था।
सीएम रघुवर दास की खास बातें
- पहला चुनाव 1101 वोट से जीते सीएम रघुवर दास
- परिवार चलाने के लिए कोयला का टाल खोला
- बिजली के सामान की दुकान खोलकर चलाई जिंदगी
- सीएम की गाड़ियों का नंबर 1101, यही है लकी नंबर
सवाल : जब जवान हुए होंगे तो परिवार की जिम्मेदारी का बोझ भी आया होगा?
सीएम रघुवर दास का जवाब : बिल्कुल। पिता खलासी थे। मैं भी टाटा में मजदूर बन गया था, लेकिन बारह महीने में सिर्फ तीन महीने ही काम मिलता था। ऐसे में बिजली के सामान की दुकान खोली। कलकत्ता से ट्रेन के डिब्बे में बर्थ के नीचे सामान लाता था। बाद में कोयला का टाल खोला। पर हमेशा सही इमानदारी के रास्ते पर चला।
सवाल : लक में विश्वास करते हैं?
सीएम रघुवर दास का जवाब : हल्की मुस्कराहट के साथ.... मुझे चुनाव लडऩे के लिए जब तैयार किया गया तो उस समय मेरे सामने दिग्गज नेता थे। किसी को लगता नहीं था कि जीतूंगा लेकिन मैं 1101 वोट से जीता। यह मेरा लकी नंबर है। आप देखेंगे मेरी गाडिय़ों का नंबर 1101 है।