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Jharkhand Election Result 2019: कांग्रेस-झामुमो-राजद ने जोड़े अपने वोट, भाजपा को लगी करारी चोट

Jharkhand Election Result 2019 महागठबंधन में शामिल पार्टियां कांग्रेस झामुमो और राजद के वोट प्रतिशत जुड़ने से भाजपा को बड़ा घाटा होता दिख रहा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 05:20 PM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: कांग्रेस-झामुमो-राजद ने जोड़े अपने वोट, भाजपा को लगी करारी चोट
Jharkhand Election Result 2019: कांग्रेस-झामुमो-राजद ने जोड़े अपने वोट, भाजपा को लगी करारी चोट

रांची, जागरण स्‍पेशल। Jharkhand Election Result 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्‍ता से बेदखल करने की ओर बढ़ रहा विपक्षी महागठबंधन ने इस चुनाव में जबर्दस्‍त वापसी की है। भाजपा को भले ही अपने वोट प्रतिशत का नुकसान नहीं हुआ हो, लेकिन इस बार विपक्षी पार्टियां झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के वोट प्रतिशत के साथ मिलने से भाजपा को सीटों का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब तक के रुझानों पर नजर डालें तो गठबंधन बहुमत की ओर जाता दिख रहा है। वहीं भाजपा को 28 सीटाें  पर बढ़त दिख रही है। तीनों पार्टियां इंटैक्ट रहीं इसके कारण उनका मत प्रतिशत बढ़ा है। जिससे बीजेपी को कई सीटें गंवानी पड़ीं। तीनों पार्टियों ने यहां अपने वोट प्रतिशत जोड़े। यही भाजपा से आगे निकलने का सबसे बड़ा कारण रहा।

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इधर हेमंत सोरेन के आवास पर जीत की सुगबुगाहट के बीच लड्डू बांटा जा रहा है। सरकार बनाने को लेकर खासे आश्‍वस्‍त दिख रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता इसके लिए फुल क्रेडिट अपने नेता हेमंत सोरेन को दे रहे हैं। झामुमो के महासचिव सुप्रियो की शब्‍दों में कहें तो - कुछ लोग सोचते थे कि सरकार की चाभी उनके हाथ होगी मगर यह जनता की ताकत है। उनका शुक्रिया कि वे महागठबंधन की सरकार को बहुमत देने जा रहे हैं। संविधान को समाप्त किये जाने का कुचक्र रचा जा रहा था। झारखंड की पहचान पर हमला किया जा रहा था। बीजेपी खुद अपने कर्मों से पिछड़ी है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा के अत्याचार को समाप्त करेंगे। इधर हेमंत सोरेन आवास पर कांग्रेस प्रत्याशी भी बधाई देने  पहुंचने लगे हैं। बताया जा रहा है आधा घंटा में हेमंत अपने आवास के बाहर पत्रकारों से बात करेंगे।

चुनाव विश्‍लेषकों की मानें तो चुनाव में भाजपा के पिछड़ने के पीछे एक बड़ा कारण आजसू के साथ गठबंधन टूटना भी माना जा रहा है। यहां 81 में से 53 सीटों पर आजसू ने अपने प्रत्‍याशी खड़े क‍िए थे। कमोबेश आजसू के इन उम्‍मीदवारों ने भाजपा के वोट काटे। दूसरी बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि बीजेपी के बागी उम्‍मीदवारों ने भी भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाया, जिससे गठबंधन के उम्‍मीदवारों की जीत की राह आसान हुई।


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