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Jharkhand Assembly Election 2019: पूर्वी सिंहभूम की पुरानी सीटें हासिल करने के लिए झामुमो का खास दांव, ये है रणनीति

विधानसभा चुनाव में पूर्वी सिंहभूम की पुरानी सीटें हासिल करने के लिए झामुमो ने खास रणनीति बनाई है। आस्तिक को केंद्रीय सचिव बनाकर कुड़मियों को रिझाने की कोशिश है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 10:49 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 10:49 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: पूर्वी सिंहभूम की पुरानी सीटें हासिल करने के लिए झामुमो का खास दांव, ये है रणनीति
Jharkhand Assembly Election 2019: पूर्वी सिंहभूम की पुरानी सीटें हासिल करने के लिए झामुमो का खास दांव, ये है रणनीति

जमशेदपुर, दिलीप कुमार। विधानसभा चुनाव के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा पूर्वी सिंहभूम जिला समिति कमर कस चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री सह पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपनी पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। बीते लोकसभा चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए पार्टी जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट कर संगठन को धारदार बनाने की कवायद शुरू कर दी है।

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पार्टी अपनी पुराने सीटों को वापस हासिल करने के लिए कोई कसर बाकि नहीं छोडऩे वाली है। जिला के छह विधानसभा क्षेत्र में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट को छोड़कर अन्य पांच जमशेदपुर पश्चिम, पोटका, जुगसलाई, घाटशिला और बहरागोड़ा विधानसभा सीट पर झामुमो अपनी जीत दर्ज करा चुका है। जुगसलाई विधानसभा तो झामुमो का गढ़ माना जाता रहा है। अब पार्टी के पास सिर्फ बहरागोड़ा सीट ही है। अन्य पांच सीटों पर भाजपा और आजसू पार्टी का कब्जा है।

पुरानी सीटें हासिल करने की कवायद शुरू

झामुमो अपने कब्जे में रहने वाली सभी पुराने सीटों को वापस हासिल करने के प्रयास में है। झारखंड की सत्ता में काबिज होने के लिए पार्टी बदलाव रैली का आयोजन करने जा रही है। जमशेदपुर में 13 सितंबर को बदलाव रैली होगी। रैली में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार की नाकामियां बताकर लोगों को अपनी ओर करने का प्रयास करेंगे। पार्टी की जिला समिति ने इसके पूर्व 31 अगस्त तक जिला के नगर, युवा, महिला समेत सभी समितियों का विस्तार करने के साथ बूथ स्तरीय समितियों का पुनर्गठन करने का निर्देश दिया है। टिकट की आस लगाए नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं।

आस्तिक के रास्ते कुड़मी समाज को खुश करने का प्रयास

झारखंड की सत्ता में काबिज होने के लिए राज्य के सबसे बड़ा क्षेत्रीय दल झामुमो हर दांव अपना रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ने संगठन को नए सिरे से धारदार बनाने की कवायद शुरू की है। झामुमो ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए जमशेदपुर के कद्दावर कुड़मी नेता आस्तिक महतो उर्फ बाबू महतो को पार्टी का केंद्रीय सचिव बनाया है। वे पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के चहेते माने जाते हैं। आस्तिक महतो को केंद्रीय सचिव बनाकर पार्टी ने कुड़मी समाज को खुश करने की कोशिश की है। आस्तिक महतो कुड़मी वोटरों को अपने पाले में करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।

महागठबंधन तय करेगा सीट

लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी विपक्ष का महागठबंधन बनने की चर्चा है। ऐसे में झामुमो को पुरानी सीटों को वापस हासिल करने की कवायद पूरी होती नहीं दिख रही है। क्योंकि महागठबंधन से उसे वे सभी सीटें नहीं मिल सकती, जिन्हें वे दोबारा अपने कब्जे में लेना चाह रहा है। 


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