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Jharkhand Assembly Election 2019: इस बार चुनाव में लाइन में लगने का लफड़ा खत्‍म, टोकन लेकर डालें वोट; जानें क्‍या है तैयारी

Jharkhand Assembly Election 2019 विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े झारखंड में इस बार चुनाव आयोग ने वोटरों को झुंझलाहट या दूसरी परेशानी से राहत देने की पूरी तैयारी कर ली है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 09:06 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 07:07 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: इस बार चुनाव में लाइन में लगने का लफड़ा खत्‍म, टोकन लेकर डालें वोट; जानें क्‍या है तैयारी
Jharkhand Assembly Election 2019: इस बार चुनाव में लाइन में लगने का लफड़ा खत्‍म, टोकन लेकर डालें वोट; जानें क्‍या है तैयारी

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। Jharkhand Assembly Election 2019 विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े झारखंड में इस बार चुनाव आयोग ने वोटरों को झुंझलाहट या दूसरी परेशानी से राहत देने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बार चुनाव में वोट डालने के लिए लाइन में लगने का लफड़ा खत्‍म कर दिया गया है। राज्‍य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की समय की कीमत का भान करते हुए इस बार चुनाव में टोकन आधारित व्‍यवस्‍था लागू करने की सहमति दी है। इस टोकन के मार्फत वोटर पोलिंग बूथ पर तय समय पर आकर अपना वोट डाल सकेंगे।

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क्‍या है टोकन सिस्‍टम

बैंक, डाकघर और प्राय: प्राइवेट सेक्‍टर के कार्यालयों में लागू टोकन सिस्‍टम की तरह ही इस बार झारखंड चुनाव में भी वोटर टोकन लेकर निर्धारित समय पर अपना वोट डाल सकेंगे। मतदान के दिन मतदान केंद्रों में उमड़ने वाली वोटरों की भारी भीड़ के बीच महिलाओं, प्रसूता, बुर्जुगों और बीमार-तीमारदार लोगों को कतार में लंबे समय तक खड़े होने का वक्‍त नहीं होता। इस कारण से वे अपना वोट डाले बगैर ही वहां से चले जाते हैं।

मतदान फीसद बढ़ाने के इस उपक्रम में अब आप टोकन सिस्‍टम के जरिये लंबी कतारों में खड़े होने से बच सकेंगे। टोकन लेकर निर्धारित समय पर अपना वोट डाल सकेंगे। इसके लिए आपको पोलिंग अफसर को बताना होगा। पोलिंग अफसर की सहमति मिलने के बाद कोई भी वोटर लाइन में खड़ा होने के बदले अपने घर जा सकेगा। उनकी बारी के हिसाब से टोकन पर निर्धारित समयसीमा के भीतर मतदाताओं को बूथ पर आकर मतदान करना होगा।

कब और कितने चरणों में होंगे झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019

वर्ष 2014 में नवंबर के आखिर से लेकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में विधानसभा चुनाव कराए गए थे। ऐसे में संभव है कि इस बार भी चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा इन्हीं तिथियों के आसपास और इतने ही चरणों में करे। दीपावली के बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इधर सुरक्षा बलों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता को भी चुनाव कराने से जोड़ा जा रहा है। इस लिहाज से महाराष्‍ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में 21 अक्‍तूबर को वोटिंग और 24 अक्‍तूबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव आयोग झारखंड में विधानसभा चुनाव के तारीखों का एलान कर सकता है।

12 अक्‍तूबर को प्रकाशित होगी अंतिम मतदाता सूची

राज्‍य निर्वाचन आयोग के मुताबिक विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 12 अक्‍तूबर को होगा। हालांकि, इसके बाद भी मतदाताओं के नाम जोड़े या हटाए जा सकेंगे। चुनाव की तैयारियों में जुटे राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त विनय कुमार चौबे ने बताया कि पांच जनवरी 2020 को झारखंड के चतुर्थ विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इससे पहले सरकार गठन और चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव की औपच‍ारिक घोषणा के बाद राज्‍य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगा। 

वर्ष 2014 में पांच चरणों में हुआ था चुनाव

वर्ष 2014 में झारखंड विधानसभा चुनाव पांच चरणों में हुआ था। तब 25 नवंबर, दो दिसबंर, नौ दिसंबर, 14 दिसंबर और 20 दिसंबर को अलग-अलग विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए थे। 23 दिसंबर को मतगणना हुई थी। इस चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में रहे थे। चतुर्थ विधानसभा में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी, उसे 37 सीटें हासिल हुईं थी। बाद में बहुचर्चित राजनीतिक घटनाक्रम में पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के छह विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्‍यता ले ली थी।

28 दिसंबर 2014 को सीएम रघुवर दास ने ली थी शपथ

झारखंड के छठे मुख्यमंत्री के तौर पर गैर आदिवासी भाजपा नेता रघुवर दास ने 28 दिसंबर 2014 को शपथ ली थी। अपना कार्यभार ग्रहण के बाद झारखंड में पांच साल पूरा करनेवाले वे पहले सीएम बने हैं। वर्ष 2000 में अलग राज्‍य बनने के बाद से रघुवर दास से पहले तक की तमाम सरकारें अलग-अलग कारणों से अपना पांच साल का तय कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं। अलग राज्य बनने के बाद रघुवर दास के नेतृत्‍व में पहली बार कोई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही है। राज्‍य में बतौर मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, मधु कोड़ा शासन कर चुके हैं।  


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