Jharkhand Election Result 2019: भाजपा में ही छिपा है उसकी हार का राज, जमकर हुआ भितरघात; नेतृत्व पर उठ रहे सवाल
Jharkhand Election Result 2019 हार के बाद भाजपा में घमासान होता दिख रहा है। सोशल मीडिया में पार्टी कार्यकर्ताओं के निशाने पर प्रदेश भाजपा की कोर टीम रही।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Election Result 2019 दृष्टांत एक : पासे सभी उलट गए, कुछ दुश्मनों, कुछ अपनों की चाल के ...., हम लाएं हैं कश्ती तूफान से निकाल के। सीपी सिंह का ट्वीट। दृष्टांत दो : जब कोई ऊंचाई पर होता है, तो नीचे चीजें वास्तविक आकार से भी छोटी दिखाई देती हैं। ठीक उसी प्रकार जब व्यक्ति उच्च एवं निर्णायक पद पर होते हैं, तो नीचे वाले उपहासीय व ओछे लगते हैं। परंतु ये लाइनें बड़े महत्व की हैं। 'तुम अगर कत्ल भी करो तो कोई बात नहीं, हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम' पर आह तो लगेगी ही। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय का फेसबुक पोस्ट।
झारखंड विधानसभा चुनाव परिणामों की स्थिति स्पष्ट होने के बाद भाजपा के दो शीर्ष नेताओं की उपरोक्त टिप्पणियां भाजपा की हार के तमाम कारण बयां कर देते हैं। भाजपा में ही उसकी हार के कारण छिपे हैं। विपक्ष ने तो बस विकल्प पेश किया। सोशल मीडिया पर भाजपा के छोटे और बड़े नेताओं के पोस्ट भाजपा की अंदरूनी खेमेबंदी को अब खुलकर बयां करने लगे हैं। कई पोस्ट आपत्तिजनक भी हैं, निशाने पर प्रदेश भाजपा की मौजूदा टीम है। भाजपा को भितरघात ले डूबा।
कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और टिकट वितरण की असमानता से उपजा यह भितरघात चुनाव के दौरान चरम पर दिखा। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश नेतृत्व ने यह जानकारी होते हुए भी इसकी अनदेखी की है। भाजपा के शीर्ष नेता अब हार को लेकर किसी भी टिप्पणी से कतरा रहे हैं। प्रदेश के सह चुनाव प्रभारी नंद किशोर यादव ने सोमवार को पटना रवाना होने से पूर्व बस इतना कहा 'जाने दीजिए, कोई टिप्पणी नहींÓ। चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश माथुर ने भी मीडिया से दूरी बनाई और रांची छोड़ दिया।
भाजपा के तीन असफल चेहरे, ओमप्रकाश, नंदकिशोर और धर्मपाल
विधानसभा चुनाव भाजपा ने रघुवर दास के नेतृत्व में लड़ा। भाजपा तो हारी ही, रघुवर खुद भी अपनी सीट गवां बैठे। लेकिन, इस हार का जवाबदेह सिर्फ रघुवर दास को नहीं ठहराया जा सकता। भाजपा ने झारखंड में चुनाव की जिम्मेदारी कुछ खास लोगों को सौंपी थी। विशेष तौर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर को विधानसभा चुनाव प्रभारी और नंद किशोर यादव को सह प्रभारी बनाया गया था। सहयोगी के रूप में प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह थे। लेकिन, ये तिकड़ी असफल साबित हुई। ओम प्रकाश माथुर सात राज्यों की सफलता के तमगे के साथ झारखंड आए थे और खराब ट्रैक रिकार्र्ड लेकर लौटे।