Jharkhand Election 2019 phase 5 Voting: उम्मीदों के संताल में आज मतदान का हूल, हर बूथ पर लंबी कतारें
Jharkhand Election 2019 phase 5 Voting झारखंड में उप राजधानी दुमका का अलग ही राजनीतिक महत्व है। दिग्गज नेताओं और राजनीतिक दलों के लिए यह प्रतिष्ठा से भी जुड़ी सीट है।
रांची, आरपीएन मिश्र। Jharkhand Election 2019 phase 5 Voting झारखंड में सत्ता का महासंग्राम अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। विधानसभा का पांचवां द्वार फतह करने के लिए युद्ध की डुगडुगी अब उस इलाके में बज रही है, जहां 1855 में कभी भारत की आजादी की पहली लड़ाई लड़ी गई थी। 1857 के सिपाही विद्रोह से भी पहले संताल इलाके के लोगों ने हूल आंदोलन छेड़कर अंग्रेजों को नाको चने चबना दिए थे। जुल्म, अत्याचार, सूदखोरी और गलत तरीके से टैक्स वसूली के खिलाफ छेड़े गए इस आंदोलन ने भविष्य में बड़े परिवर्तनों की नींव डाल दी थी।
बदलाव और क्रांति के अगुआ बने इस इलाके ने अलग झारखंड राज्य बनने के बाद भी उप राजधानी क्षेत्र के रूप में अपनी अहमियत बरकरार रखी। झारखंड की राजनीति में शुरू से ही इस इलाके की धमक रही है। इस बार भी चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का जोर संताल इलाके पर रहा है। झारखंड में उप राजधानी दुमका का अलग ही राजनीतिक महत्व है। दिग्गज नेताओं और राजनीतिक दलों के लिए यह प्रतिष्ठा से भी जुड़ी सीट है। संताल परगना जितना अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और शानदार पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है उतना ही यहां के सीधे-सादे, मेहनती और जीवट लोगों की खास जीवनशैली के लिए भी। संघर्ष यहां की माटी में है। सिदो, कान्हू, चांद और भैरव ने जिस तरह हूल आंदोलन के दौरान लोगों की उम्मीदों और इच्छाओं को आंदोलन में बदल दिया था, उसी तरह हमें विकास की आकांक्षाओं को मतदान में बदलना है।
मतदान में अव्वल
खास बात यह है कि विकास के पायदान पर अपेक्षाकृत कम दबदबा रखने के बावजूद इस इलाके ने मतदान में अपनी धमक बरकरार रखी है। यहां पिछले चुनाव में कई इलाकों में 80 फीसद से भी ज्यादा मतदान हुआ था। यहां के लोगों के हाथ फिर एक मौका है, जब वह अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए पिछली बार से ज्यादा मतदान करें।
गौरवशाली अतीत, अनमोल विरासतें
पहाड़ों, सघन वनों और मनमोहक पर्यटन स्थलों से घिरा यह पूरा इलाका अपनी खूबसूरती की वजह से भी दुनिया का ध्यान खींचता है। जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाला बासुकीनाथ धाम जहां बड़े आध्यात्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। वहीं दुमका से सटा मंदिरों का गांव मलूटी और वैश्विक धरोहर बन चुके मलूटी के मंदिर जैसी अनमोल विरासतें हैं तो त्रिकूट पर्वत और मसानजोर जैसे पर्यटनस्थल भी।
करोड़ों साल पुरानी राजमहल की पहाडिय़ां जहां विश्व की प्राचीनतम धरोहरों में एक है, वहीं राजमहल को सैंकड़ों सालों से अंतर्राज्यीय व्यापार का केंद्र होने का भी गौरव हासिल है। अब साहिबगंज के सकरीगली समदा में मल्टी मॉडल टर्मिनल बन जाने से यह फिर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। गोड्डा, पाकुड़ आदि इलाकों में खनिजों की बहुलता है। ये इलाके खेती और जंगली उत्पादों के लिए भी जाने जाते हैं। इन गौरवशाली स्थलों में अपार संभावनाएं भी हैं। मतदान के मौके पर अच्छा प्रतिनिधि चुनकर हम अपने सपने साकार कर सकते हैं।
बुनियादी समस्याओं को करना होगा दूर
पांचवें चरण की सभी सीटों पर समस्याएं कमोबेश एक जैसी ही हैं। पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, स्कूल-कॉलेज आदि की पर्याप्त सुविधाएं बहाल कर यहां की दिक्कतें दूर की जा सकती हैं। अच्छा प्रतिनिधि चुनकर और ज्यादा से ज्यादा मतदान कर हम बदलाव के वाहक बन सकते हैं।