Move to Jagran APP

Jharkhand Election 2019: जहां पत्थलगड़ी का खौफ था वहां वोट से चट्टान की तरह मजबूत हुआ लोकतंत्र

Jharkhand Assembly Election 2019. खूंटी के भंडरा हुटार चिकोर समेत ग्रामीण इलाकों में सुबह से वोटरों की लाइन लग गई थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 04:42 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 04:42 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: जहां पत्थलगड़ी का खौफ था वहां वोट से चट्टान की तरह मजबूत हुआ लोकतंत्र
Jharkhand Election 2019: जहां पत्थलगड़ी का खौफ था वहां वोट से चट्टान की तरह मजबूत हुआ लोकतंत्र

खूंटी और तोरपा से लौटकर दिव्यांशु। Jharkhand Assembly Election 2019 - खूंटी विधानसभा के चलागी गांव में 1100 वोटर हैं। शनिवार को वोट देने के लिए यहां सुबह से लाइन लग गई थी। वोट देकर निकली करुणा देवी ने बताया कि हमारे गांव में रास्ता तो बन गया है अब लोगों को आवास मिले और स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़े इसके लिए वोट किया है। ये वही इलाका है जहां साल भर पहले तक पत्थलगड़ी के नाम पर स्वशासन के लिए लोगों को बहकाया जा रहा था। चलागी के इस बूथ पर 62 फीसदी के करीब वोट पड़े हैं। जबकि 2019 के  लोकसभा चुनाव में इस बूथ पर 50 फीसदी के करीब वोट पड़े थे।

loksabha election banner

वोटरों ने उंगली के निशान से अराजकता के माहौल को धो दिया। हुटार से लेकर मरंगहादा तक लोकतंत्र की जयकार हुई। खूंटी जिले के भंडारा उच्च विद्यालय के बाहर 2017 में राज्य की सबसे पहली पत्थलगड़ी होने का दावा किया जाता है। इस जगह शनिवार सुबह 7.30 बजे वोटर्स की लाइन लगी हुई थी। लोग बाइक पर, आटो में बैठकर वोट देने पहुंच रहे थे। रोशनी देवी अपनी सालभर की बच्ची रेशमी को लेकर वोट देने पहुंची थी। उन्होंने बताया कि अपनी सरकार का मतलब होता है जिसे चुनने में हमारी भूमिका हो।

उंगली पर निशान लगाकर ईवीएम का बटन दबाकर हमने अपनी सरकार चुनने का काम किया है। लोकतंत्र की इसी खुबसूरती से अपनी बेटी को परिचित कराने पहुंची हूं। बच्चों में भी लोकतंत्र का संस्कार देना जरुरी है। भंडरा हाई स्कूल की बाउंड्री से सटे पत्थलगड़ी के शिलापट्ट के सामने वोटिंग निशान दिखाते हुए सबके चेहरे पर गर्व का भाव था। भंडरा के इस बूथ पर भी 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में करीब 15 फीसदी ज्यादा वोट पड़े हैं।

चांडीटोला निवासी पूर्व सैनिक प्रभू सहाय टूटी अपनी पत्नी के साथ वोट देने पहुंचे थे। वहां लोगों को समझा रहे थे कि देश की रक्षा के लिए सीमा पर जाकर लड़ें यही जरूरी नहीं है। अच्छी सरकार चुनने के लिए सबलोग वोट करें यह भी देशसेवा ही है। अपने खेत से मिट्टी काटने निकले सोमरा महतो ने बताया कि काम खत्म करते ही वोट देने जाएंगे। पत्थलगड़ी के बारे में उनका कहना था कि इस तरह की बातें हमारे वोट की आंधी में बह जाएंगी। खूंटी के सेनेगुट्टू, चिकोर, भूत जैसे ग्रामीण इलाकों में वोटिंग के लिए लोगों में भारी उत्साह था।

गांव के बाहर पत्थलगड़ी का शिलापट्ट संविधान की गलत व्याख्या भले कर रहा हो लेकिन आमलोग बिना किसी खौफ के अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग कर रहे थे। खास बात यह है कि महिलाओं की कतार पुरुषों से आगे निकल रही थी। जयंती लकड़ा और नंदिता लकड़ा वोट देकर अपने धान की सफाई में जुटी थीं। खूंटी के लोयला हाई स्कूल बूथ पर एक राजनीतिक दल के बूथ एजेंट के तौर पर भी महिलाएं ही तैनात थीं। एंजलीना गुडिय़ा ने बताया कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी हर स्तर पर जरूरी है।

गांव में था कतार, शहर में था इंतजार

खूंटी के ग्रामीण इलाकों में पोलिंग बूथ सुबह से ही गुलजार थे। जबकि शहर के बूथों पर दिन चढऩे तक वोटर्स का इंतजार हो रहा था। खूंटी चौक पर राजकीय उच्च विद्यालय के बूथ पर चुनाव अधिकारी प्रसेनजीत ने बताया कि शहरी वोटर्स का इंतजार हो रहा है। हालांकि दिन चढऩे पर लोग घरों से निकले।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.