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Hemant Oath Ceremony: हेमंत के बहाने विपक्ष ने किया शक्ति प्रदर्शन, रांची में भाजपा विरोधियों का मेगा शो

Hemant Soren Oath Ceremony राहुल गांधी पी चिदंबरम अहमद पटेल प्रियंका गांधी के अलावा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार बसपा अध्यक्ष मायावती और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन भी पहुंचे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 09:06 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 12:57 PM (IST)
Hemant Oath Ceremony: हेमंत के बहाने विपक्ष ने किया शक्ति प्रदर्शन, रांची में भाजपा विरोधियों का मेगा शो
Hemant Oath Ceremony: हेमंत के बहाने विपक्ष ने किया शक्ति प्रदर्शन, रांची में भाजपा विरोधियों का मेगा शो

रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren Oath Ceremony  झारखंड में भाजपा को परास्त कर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की जीत के कई मायने हैं। इस प्रकरण ने देशभर में भाजपा विरोधी दलों को एकजुट होने का मौका दिया है। रविवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में भी विपक्ष का मेगा शो हुआ। पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक के क्षत्रप इस महत्वपूर्ण मौके पर जुटे। इसी बहाने भाजपा विरोधी दलों के नेताओं ने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी गठबंधन का खाका खींचा।

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एकजुट हुए भाजपा विरोधी दल, मंच पर दिग्‍गजों का जमावड़ा

झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह के कई राजनीतिक मायने हैैं। इस समारोह को भाजपा विरोधी दलों के मेगा शो के तौर पर देखा जा रहा है। एक मंच पर इससे पहले इतने ज्यादा नेताओं का जुटान बेंगलुरु में हुआ था, जब जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे। इस समारोह में भी कुछ ऐसा ही नजारा था। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर तमिलनाडु के कद्दावर नेता एमके स्टालिन, कनिमोझी, टीआर बालू और राजस्थान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से लेकर वामदलों की अग्रिम कतार के सीताराम येचुरी, डी राजा ने मौजूदगी दर्ज कराई।

पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक के नेता आए एक मंच पर

पड़ोसी बिहार से राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव और दिल्ली से आए आम आदमी पार्टी के संजय सिंह की उपस्थिति यह संकेत दे गई कि आने वाले दिनों में भाजपा विरोधी दलों की व्यापक एकजुटता सामने आ सकती है। भाजपा विरोधी दलों के नेताओं ने एकजुटता दिखाने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ी। सभी खुलकर मिले और बतियाते भी नजर आए।  दरअसल, नागरिकता संशोधन बिल, कश्मीर में अनुच्छेद-370 पर निर्णय, एनआरसी के खिलाफ कई राज्यों में माहौल गर्म है तथा इसे और तूल देने में भाजपा विरोधी दल कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते।

विरोधी दलों की एकजुटता आगामी विधानसभा चुनावों पर असर दिखा सकती है। दिल्ली का विधानसभा चुनाव सिर पर है। बिहार और बंगाल में भी चुनाव होंगे। ऐसे में झारखंड की जीत में गठबंधन मंत्र को आदर्श मानते हुए यहां भी प्रयोग दोहराया जा सकता है। कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा को परास्त करना है, तो राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत गठबंधन के साथ चुनाव लडऩे के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। 

नहीं आए प्रियंका गांधी-शरद पवार, मायावती-उद्धव ठाकरे भी नदारद

कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आने को लेकर सस्पेंस बना रहा। उनका नाम अतिथियों की सूची में ऊपर में था। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश में व्यस्तता के कारण वे समारोह में शामिल नहीं हो पाईं। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाए। इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बसपा अध्यक्ष मायावती का आगमन भी निर्धारित था। इन नेताओं की मौजूदगी होती तो मंच पर भाजपा विरोधी नेताओं की तादाद बढ़ती। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आगमन भी अंतिम वक्त में टल गया।


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