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Jharkhand Assembly Election 2019: यहां कपड़ों की तरह 'दल' बदल रहे नेताजी, ज्यादातर गलियां मुड़ रही भाजपा के रास्ते; Insight Story

झारखंड में ऐसी आपाधापी मची है कि नेताजी एक बार यह भूल जाएं कि वे सुबह किस दल के लिए जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे और शाम में उन्हें किसके खिलाफ मुर्दाबाद बोलना है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 02:14 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 10:06 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: यहां कपड़ों की तरह 'दल' बदल रहे नेताजी, ज्यादातर गलियां मुड़ रही भाजपा के रास्ते; Insight Story

रांची, [प्रदीप सिंह]। राजनीति में विचार अब शायद बीते दिनों की बात हो गई और राजनीतिक दल हो गए कपड़ों सरीखा। जब जिसे जहां मन चाहा बदल लिया। इसकी बानगी देखनी हो तो एकबारगी झारखंड का रुख करिए। यहां विधानसभा चुनाव के पहले दल बदलने की ऐसी आपाधापी मची है कि नेताजी एक बार यह भूल जाएं कि वे सुबह किस दल के जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे और शाम में उन्हें किसके खिलाफ मुर्दाबाद बोलना है। यहां सुबह का भूला नेता शाम में दूसरे दल के दफ्तर में माला पहन रहा होता है।

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उदाहरण के तौर पर पलामू के पूर्व सांसद मनोज भुईयां को ही लीजिए। भुईयां 2004 में राजद के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए थे। बीते 14 अगस्त को वे पूरे लाव-लश्कर के साथ रांची स्थित झारखंड विकास मोर्चा के मुख्यालय पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ली। मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने उनका खैरमकदम किया। भुईयां ने भी उनकी शान में कसीदे पढ़े। लेकिन यह क्या, एक माह बीतते-बीतते मनोज भुईयां के सुर बदल गए। 14 सितंबर को उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भुईयां अकेले भाजपा के रथ पर सवार होने वाले नहीं हैं।

दरअसल लोकसभा चुनाव में अन्य दलों का सूपड़ा ऐसा साफ हुआ कि दूसरे दलों के ज्यादातर नेता भाजपा में सुरक्षित राजनीतिक भविष्य देख रहे हैं। झारखंड में राजद का तो सूपड़ा ही साफ हो चुका है। राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी भगवा रंग में रंग चुकी हैं। कई छुटभैये भी उनके साथ खींचे चले आए। कुछ ऐसा ही हाल अन्य दलों का भी है। झारखंड विकास मोर्चा, कांग्र्रेस, झामुमो का भी ऐसा ही हाल है। झामुमो के एक विधायक जेपी पटेल तो लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी के ऐसे मुरीद हुए कि घूम-घूमकर खूब प्रचार किया। पार्टी ने उन्हें निलंबित कर रखा है। लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

घूमकर वापस आ रहे पुराने घर में

झारखंड सरकार में मंत्री रह चुके हैं दुलाल भुईयां। आरंभ से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बैनर तले राजनीति की। पांच साल पहले दल बदलने का मिजाज बनाया और कांग्रेस में शामिल हो गए। हालिया लोकसभा चुनाव में इन्होंने बहुजन समाज पार्टी के हाथी की सवारी की। पत्नी को पलामू से चुनाव मैदान में भी उतारा। अब सुरक्षित राजनीतिक भविष्य की आस में फिर से झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए।

भूलभूलैया में भूल जाते हैं नाम तक

भले ही दूसरे दल से ज्यादातर नेता भाजपा की ओर भाग रहे हैं। लेकिन इस आपाधापी में कई बार मुश्किलें भी खड़ी हो जाती है। उदाहरण के तौर पर झारखंड सरकार के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को ही लीजिए। कभी लालू प्रसाद की पार्टी राजद में थे। भाजपा में आए काफी वक्त हो गए, लेकिन ऐसे वक्त में ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक का नाम भूल जाते हैं जब पूरी दुनिया में इनके नाम का डंका बज रहा है। इनका ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। लोग इसपर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं।


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