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Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो-झाविमो के चक्कर में सीटें गंवाएगी कांग्रेस

Jharkhand Assembly Election 2019. पार्टी मान रही है कि महागठबंधन के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा आवश्यक है तो झारखंड विकास मोर्चा की भी जरूरत है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 07:04 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 06:40 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो-झाविमो के चक्कर में सीटें गंवाएगी कांग्रेस
Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो-झाविमो के चक्कर में सीटें गंवाएगी कांग्रेस

रांची, [आशीष झा]। Jharkhand Assembly Election 2019 - कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलना चाहती है और इसके एवज में पार्टी को निश्चित तौर पर सीटें गंवानी पड़ेंगी। दावा जितनी सीटों पर है उतनी सीटें मिलनी मुश्किल हैं और कुछ सीटों को झाविमो के लिए तो कुछ सीटों को झामुमो के लिए छोडऩा पड़ेगा। ऐसा नहीं होने पर महागठबंधन में बहुत बाधाएं हैं। कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव की तरह विपक्षी महागठबंधन को कमजोर नहीं होने देना चाहती।

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झाविमो के अलग से चुनाव लडऩे के कारण पिछले विधानसभा चुनाव में विपक्ष की सीटें कम हुई थीं और भाजपा-आजसू को अपने बूते पूर्ण बहुमत मिल सका। अभी हाल में ही संपन्न लोकसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन को भले ही सीटें अधिक नहीं मिलीं लेकिन वोट प्रतिशत को लेकर विपक्षी दलों में उत्साह है। कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस व झामुमो ने ढंग का प्रदर्शन किया और बढ़त ली। झामुमो ने समझौता के लिए अपनी सीटें छोड़ी थीं और यही आधार बनेगा कि झामुमो अब अपने हिस्से की सीटें नहीं छोड़ेगा।

इसके विपरीत पार्टी कांग्रेस पर दबाव बनाकर सीटें छोडऩे की जिद करेगा। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो को विधानसभा में नेतृत्व देने का वादा भी किया था और इसका सीधा मतलब सीटों में भी बढ़त देने का है। ऐसे में कांग्रेस झामुमो के लिए भी कई सीटों पर अपना दावा छोड़ सकती है। इसी प्रकार झाविमो को एडजस्ट करने के लिए भी कई सीटें छोडऩी होंगी। झाविमो के आठ में से सात विधायक दो चरणों में भाजपा में चले गए हैं लेकिन दावा उनका उन सभी सीटों पर है जहां पिछले चुनाव में वे जीते थे।

जिन सीटों पर झाविमो दूसरे नंबर पर रहा था वहां भी उनका दावा कमजोर नहीं है। ऐसे में इस बात का आकलन किया जा रहा है कि झाविमो का कितनी सीटों पर दावा बनता है और इसी हिसाब से उनके लिए सीटें छोड़ी जाएंगी। 2009 चुनाव की तुलना में झामुमो और झाविमो ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अधिक वोट प्रतिशत हासिल किया था और झामुमो के हिस्से में एक अधिक सीट भी आई लेकिन झाविमो और कांग्रेस की सीटें कम हुईं और इसका व्यापक असर भाजपा की सीटों की संख्या में हुआ।

इन सभी बातों का आकलन कर विपक्षी पार्टियां कहीं न कहीं मान रही हैं कि महागठबंधन का स्वरूप तैयार नहीं हुआ तो भाजपा को रोकना मुश्किल होगा। इसके लिए निश्चित तौर पर सबसे पहले दावेदारी कम करने के लिए कांग्रेस ही तैयार होगी। फिलहाल कांग्रेस 25 सीटों पर दावेदारी कर रही है और देखना होगा कि महागठबंधन में इन्हें मिलता कितना है।

विधानसभा चुनाव 2014 का प्रदर्शन

पार्टी    वोट प्रतिशत    सीटें

भाजपा     31.3        37

झामुमो     20.4        19

कांग्रेस     10.5         7

झाविमो    10.0         8

(शुरू में ही 6 भाजपा में गए और अभी एक और)

2009 चुनाव का प्रदर्शन

पार्टी    वोट प्रतिशत    सीटें

भाजपा     20.18       18

झामुमो     15.20       18

कांग्रेस     16.16       14

झाविमो    8.99        11

'कांग्रेस त्याग को तैयार है लेकिन इसके लिए अन्य विपक्षी पार्टियों को भी तैयार होना होगा। छोटी-छोटी बातों को भूलकर सभी विपक्षी दलों को एक छत के नीचे आना होगा।' -राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस।


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