Jharkhand Assembly Election 2019 : नेताजी पहले जोड़ते, फिर जुड़वाते हैैं हाथ Chunavi chaupal
Jharkhand Assembly Election 2019. चुनावी चौपाल में टाटानगर स्टेशन पर ऑटो चालकों का दर्द छलक आया। कहा-बाबू दाल-रोटी पर आफत है।
जमशेदपुर, गुरदीप राज। Jharkhand Assembly Election 2019 दाल रोटी पर भी आफत बाबू...। चुनाव के समय नेता पहले हाथ जोड़ते हैं, फिर अगले पांच साल हमें हाथ जोडऩा पड़ता है। सरकार जिसकी भी रहे, गरीब को दो वक्त की रोटी मुश्किल से नसीब हो पाती है। यह चर्चा टाटानगर स्टेशन के आटो चालकों के बीच शुक्रवार की सुबह चल रही थी। तभी दैनिक जागरण की टीम वहां पहुंच गई।
इसी बीच आटो चालक वीरेंद्र प्रसाद आक्रोशित मुद्रा में कहने लगे, सरकार ने तो आटो चालकों को बेरोजगार ही कर दिया है। सड़कों पर वाहनों के कागजात की जांच करानी शुरू कर दी। नतीजा, हमें ऑटो घर पर खड़ा करना पड़ गया। तभी बात काटते हुए चालक गोपी ने कहा- बाबू आप ही बताइए कि वाहनों के कागजात कैसे दुरुस्त कराएं। फिटनेस, लाइसेंस, इंश्योरेंस फेल होने पर जुर्माना दूसरे राज्यों से झारखंड में अधिक है। इसके कारण चालक कागजात ही दुरुस्त नहीं करा पा रहे हैं।
इसी बीच चालक चंदा सिंह ने पूछा, बाबू आप तो पढ़े लिखे हैं और जानकार भी हैैं। थोड़ा यह बताइए न कि जमशेदपुर पूर्वी में कौन जीत रहा है। तब संवाददाता ने पूछा कि पूर्वी सिंहभूम में तो छह विधानसभा है, आप पूर्वी में ही दिलचस्पी ले रहे हैैं? चंदा हंसते हुए कहने लगे कि बाबू जमशेदपुर पूर्वी में तो मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ सरयू राय का मुकाबला है। चंदा की बात काटते हुए गोपी कहने लगे, भैया मैैं एक बात कहूं, बुरा मत मानिएगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ सरयू राय के ताल ठोकने के कारण जमशेदपुर पूर्वी में परिवार के बीच ही दो फाड़ हो गया है। परिवार में अगर आठ सदस्य हैं, तो चार रघुवर दास व चार सरयू राय के समर्थन में खड़े हैं। लेकिन कुछ समर्थक ऐसे भी हैं कि झंडा तो भाजपा का लगा रहे हैं, लेकिन उनका मन सरयू राय के साथ मिला हुआ है। वहीं इसके विपरीत सरयू राय के सामने तो कुछ लोग उनके समर्थन में मत करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनका समर्थन मुख्यमंत्री के साथ है। ऐसे में यह आंकना मुश्किल हो रहा है कि कौन इस विधानसभा से जीत दर्ज कराएगा।
चर्चा लंबी हो रही थी लेकिन मेरे पास समय का अभाव था। टीम ने केएसएमएस स्कूल का रुख किया। वहां अभिभावकों का एक दल के बीच राजनीतिक चर्चा हो रही थी। तभी एक ठेकेदार पूरे तैश में नजर आ रहे थे। कह रहे थे, सरकार ने ऐसा नियम बना दिया है, जिसमें अगर दो साल कोई ठेकेदार को काम नहीं मिला तो उसका लाइसेंस रद कर दिया जा रहा है। सरकार काम ही नहीं दे रही है तो हम क्या करें। फिर कुछ देर शांत होने के बाद कहने लगे कि सरयू राय जी को चुनाव चिन्ह अच्छा मिल गया है। तभी एक सज्जन अपना स्कूटर वहीं खड़ा करने के बाद हेलमेट खोलते हुए कहने लगे, भाई मैं तो इस बार किसी को वोट देने के पक्ष में नहीं हूं। जिसे भी वोट दो वह जनता के साथ फरेब ही करता है।