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Jharkhand Assembly Election 2019: अंतिम चरण की 16 सीटों पर आज थम जाएगा प्रचार, शुक्रवार को मतदान

पांचवें चरण में झारखंड की राजमहल बोरियो बरहेट लिट्टीपाड़ा पाकुड़ महेशपुर शिकारीपाड़ा नाला जामताड़ा दुमका जामा जरमुंडी सारठ पोड़ैयाहाट गोड्डा और महागामा सीट पर मतदान।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 07:11 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 07:11 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: अंतिम चरण की 16 सीटों पर आज थम जाएगा प्रचार, शुक्रवार को मतदान
Jharkhand Assembly Election 2019: अंतिम चरण की 16 सीटों पर आज थम जाएगा प्रचार, शुक्रवार को मतदान

धनबाद, जेएनएन। झारखंड विधानसभा चुनाव- 2019  के पांचवें और आखिरी चरण में 16 सीटों पर 20 दिसंबर को मतदान होगा। मतदान शुरू होने के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार खत्म हो जाता है। पांचवें चरण के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम पांच बजे थम जाएगा।

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पांचवें चरण में झारखंड के संताल परगना प्रमंडल की राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, सारठ, पोड़ैयाहाट, गोड्डा और महागामा विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इन क्षेत्रों में कुल 237 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इस चरण में प्रमुख उम्मीदवारों झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन दुमका और बरहटे से चुनाव लड़ रहे हैं।

  • पांचवे चरण में स्वास्थ्य, सिंचाई, शिक्षा और रोजगार प्रमुख मुद्दा

पांचवें चरण में अब मतदान का समय आ चुका है। अंतिम समय में प्रत्याशी जहां वोटरों को लुभाने के खेल में जुटे हैं, वहीं वोटरों की जुबान पर मुद्दे उछल रहे हैं। हर मुंह सवाल पूछते नजर आ रहे हैं। बुनियादी समस्याएं डेग-डेग पर मुंह बाए खड़ी हैं।

दैनिक जागरण के अभियान इस बार वोट झारखंड के लिए के तहत इन इलाकों में वोटरों के बीच कराए गए सर्वे में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पहले पायदान पर हैं। 15.88 फीसद वोटरों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों की सेहत ठीक नहीं है। इसे दुरुस्त करने की दरकार है। दूसरे पायदान पर कृषि संबंधी समस्याएं हैं। 16.14 फीसद वोटरों का कहना है कि खेतों को सिंचाई की दरकार है। इस दिशा में ठोस पहल नहीं हुई। तीसरे नंबर पर शिक्षा संबंधी समस्याएं हैं। 15.69 फीसद वोटरों ने कहा कि सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है। उच्च शिक्षण संस्थानों की दरकार तो है ही सरकारी स्कूलों में शिक्षक ही नहीं हैं। चौथे पायदान पर रोजगार और पलायन का सवाल हावी है। 14.46 फीसद वोटरों ने सर्वे के दौरान बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्रों में रोजगार या स्वरोजगार का कोई साधन नहीं है। इस कारण पलायन बदस्तूर जारी है। गांवों की हालत तो बेहद चिंताजनक है। पांचवीं समस्या के रूप में वोटरों ने पेयजल को गिनाया है। 14.01 फीसद वोटरों ने कहा कि शहर हो या गांव हर जगह लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। कई जगह पेयजल आपूर्ति योजनाएं वर्षों से लंबित हैं। इस दिशा में ठोस पहल नहीं हुई।

दैनिक जागरण की टीम ने सर्वे के दौरान वोटरों से दस मुद्दों पर उनकी राय पूछी। इसमें खेल व युवा संबंधी जरूरत को 5.72, पर्यटन विकास को 5.65, खनन समस्या को 5.33, पर्यावरण संरक्षण को 4.69 और कला संस्कृति संबंधी विकास को 3.66 फीसद वोटरों ने तरजीह दिया। इनका मानना था कि झारखंड के समुचित विकास के लिए इन विविध क्षेत्रों में भी काम करने की जरूरत है।

सर्वे के दौरान वोटरों ने यह भी कहा कि चुनाव में जनता के इन बुनियादी मुद्दों पर कोई भी सियासी पार्टी बात नहीं कर रही है। यह गंभीर चिंता की बात है। इन मुद्दों के समाधान के बिना झारखंड की सूरत नहीं बदल सकती। इसलिए सभी पार्टियों और चुनाव जीतने वाले विधायकों को अपने एजेंडे में इन मुद्दों को स्थान देना चाहिए।

  • स्वास्थ्य : 15.88
  • कृषि : 16.14
  • शिक्षा : 15.69
  • रोजगार-पलायन : 14.46
  • पेयजल : 14.01
  • खेल-युवा : 5.72
  • पर्यटन : 5.65
  • खनन समस्या : 5.33
  • पर्यावरण संरक्षण : 4.69
  • कला-संस्कृति : 3.66

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