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हिमाचल में चुनाव नतीजों का लंबा इंतजार, इस तरह वक्त गुजार रहे नेता

आजकल मुख्यमंत्री कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। सचिवालय में मौजूद रहने की सूरत भी वह रूटीन का ही कामकाज देखते हैं। अहम फाइल मंजूरी के लिए निर्वाचन विभाग के पास ही भेजनी होती है।

By Digpal SinghEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 12:58 PM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 01:00 PM (IST)
हिमाचल में चुनाव नतीजों का लंबा इंतजार, इस तरह वक्त गुजार रहे नेता
हिमाचल में चुनाव नतीजों का लंबा इंतजार, इस तरह वक्त गुजार रहे नेता

शिमला, [राज्य ब्यूरो]। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 9 नवंबर को पूरा हो चुका है और चुनाव नतीजे 18 दिसंबर को सामने आएंगे। ऐसे में सबकी नजर इस पर है कि चुनाव लड़ रहे नेता इस अवधि में क्या करेंगे। नेताओं का कहना है कि जनता से संपर्क बढ़ाने के लिए यह बेहतर समय है। ऐसे में चुनाव परिणाम सामने आने में बचे 36 दिन अब जनता के बीच ही बिताएंगे।

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मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नौ नवंबर को मतदान के बाद से लगातार कार्यकर्ताओं व लोगों से मिल रहे हैं। वह कार्यकर्ताओं से चुनाव को लेकर फीडबैक ले रहे हैं। मतदान के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सोमवार को पहली बार सचिवालय पहुंचे थे। वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह में भाग लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राज्य निर्वाचन विभाग से अनुमति ली थी।

आजकल मुख्यमंत्री के अधिकार सीमित

आजकल मुख्यमंत्री कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। सचिवालय में मौजूद रहने की सूरत भी वह रूटीन का ही कामकाज देखते हैं। अहम फाइल मंजूरी के लिए निर्वाचन विभाग के पास ही भेजनी होती है। ऐसा सिलसिला चुनाव नतीजे आने तक जारी रहेगा। मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं से भी मतदान के संबंध में फीडबैक ले रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल मतदान के बाद अधिकांश समय अपने निवास समीरपुर में गुजार रहे हैं। प्रदेशभर से भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं का तांता उनके घर लगा रहता है। हर केंद्र से बूथ अध्यक्ष, बूथ पालक व वीएलए तीनों त्रिदेव आकर उन्हें हर बूथ की रपट दे रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखिवंदर सुक्खू अधिकांश समय अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन में गुजार रहे हैं। सुक्खू अभी शिमला में कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनाव की रिपोर्ट ले रहे हैं। शिमला पार्टी कार्यालय राजीव भवन में संगठन से जुड़े हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ वह मतगणना को लेकर मंथन करते दिखे हैं।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं ऊना से प्रत्याशी सतपाल सत्ती इन दिनों अधिकतर समय कार्यकर्ताओं के साथ बिता रहे हैं। वह पारिवारिक कार्यों को भी समय दे रहे हैं। इसके साथ ही भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठकें कर विधानसभा चुनाव को लेकर जायजा ले रहे हैं। इसी मंगलवार को सत्ती ने जनता के साथ समय बिताया। यहां वह सुबह अपने निवास स्थान जलग्रां में परिवार के साथ रहे। उनके यहां कार्यकर्ताओं का आना-जाना लगा रहा। इनके अलावा वर्तमान सरकार के मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव और कांग्रेस-भाजपा विधायक जो चुनाव लड़ रहे हैं, अभी तक मतों का जोड़-तोड़ करने में व्यस्त हैं।

कांग्रेस हो या भाजपा के नेता, हर बूथ पर हुए मतदान पर जमा-घटाव में जुटे हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस मिशन रिपीट का दावा कर रही हैं तो भाजपा को प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी की उम्मीद है। विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 75 प्रतिशत मतदान के कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस भारी मतदान को सत्ता के हित में देख रही है। भाजपा इस मतदान प्रतिशत को सत्ता बदलती देख रही है। राज्य के दो दशक के राजनीतिक मिजाज पर नजर डाली जाए तो पांच वर्ष के बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होता रहा है।

मतदाता खामोश, उड़ी नींद

इस बार मतदाता खामोश थे। चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं ने कांग्रेस व भाजपा की बातें ध्यानपूर्वक सुनीं। खास बात यह रही कि मतदाता मुखर नहीं हुआ। केवल राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता ही पार्टी से खुलेआम संपर्क में नजर आए। मतदाताओं की खामोशी ने नेताओं की नींद उड़ाकर रख दी है।

गुजरात जाएंगे प्रचार करने

अभी तक कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल, प्रदेश महामंत्री डॉ. राजीव बिंदल, रविंद्र सिंह रवि व संगठन मंत्री पवन राणा गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जा सकते हैं। इसी तरह कांग्रेस से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू व अन्य नेता गुजरात जा सकते हैं।

भाजपा के दावे

भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने कहा, प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। हर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से उन्हें अच्छी रिपोर्ट आ रही है। हर भाजपा प्रत्याशी बड़े मार्जन से जीत दर्ज करेगा।

भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती दावा करते करते हुए कहते हैं, भाजपा का सत्ता में आना तय है। जिसके लिए चुनाव संवैधानिक औपचारिकता थी, जिसमें प्रदेश के लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया। चुनाव नतीजों में अभी काफी समय शेष है। इस अवधि में कार्यकर्ताओं के साथ लोगों के बीच जाकर बिताएंगे। पार्टी का आदेश हुआ तो गुजरात में प्रचार के लिए जाऊंगा।

कांग्रेस को भी जीत का भरोसा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, मतदान के बाद नतीजों में लंबी अवधि का फायदा यह होगा कि जनता के बीच समय बिताने का मौका मिलेगा। पार्टी ने चाहा तो गुजरात में प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने जाऊंगा। अगर नहीं गया तो जनता के साथ समय बिताऊंगा। भारी मतदान का सीधा सा मतलब है कि नोटबंदी व जीएसटी पर लोगों ने गुस्सा निकाला है। कांग्रेस दोबारा सत्ता में काबिज होगी।


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