हिमाचल चुनाव 2017: एक मुलाकात आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी से
आजाद भारत के पहले मतदाता माने जाते श्याम शरण नेगी आज भी उसी उत्साह के साथ मतदान करने के लिए निकलेंगे, जिस उत्साह के साथ पहले चुनाव में मतदान किया था।
शिमला, जेएनएन। उन्हें बेशक अब ऊंचा सुनता है लेकिन मताधिकार की बात हो तो पूरा देश उन्हें सुनता है। 1951 से मतदान करते आ रहे श्याम सरण नेगी के लिए त्योहार से कम नहीं है मतदान। कहते हैं, 'देश और व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वालों की कमी नहीं है लेकिन सवाल यह है कि उसे ठीक दिशा में ले जाने के लिए मत से बड़ क्या हथियार या औजार है। आजाद भारत के पहले मतदाता माने जाते श्याम शरण नेगी आज भी उसी उत्साह के साथ मतदान करने के लिए निकलेंगे, जिस उत्साह के साथ पहले चुनाव में मतदान किया था। बकौल नेगी, यह ऐसा मौका है कि प्रत्येक नागरिक को इस कार्य के लिए आगे आना चाहिए। उनसे बातचीत में सहायक बनीं किन्नौर के कल्पा की तहसीलदार नीरजा शर्मा। प्रकाश भारद्वाज से हुई बातचीत के प्रमुख अंश:
क्या आप कल मतदान करने के लिए जाएंगे?
-(ठहाका लगाते हुए) इसमें सोच विचार करने की बात ही नहीं है। मैं भले ही अब चल फिर नहीं सकता। लेकिन चुनाव में मतदान करने के लिए उसी जोश के साथ जाऊंगा, जिस जोश के साथ मैंने पहले चुनाव में वोट डाला था। इस बार वोट डालने के लिए चुनाव आयोग ने एक गाड़ी का प्रबंध किया है। मैं वोट जरूर डालूंगा।
कई लोग कहते हैं कि मतदान नहीं किया तो क्या, क्या यह सोच ठीक है?
-ऐसा विचार लाना भी गलत बात है। प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह मतदान करे। मैं मानता हूं कि इस प्रकार का विचार रखना, अपने आप से धोखा करना है। इसका नुकसान स्वयं को उठाना पड़ेगा।
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युवा पीढ़ी को मतदान के लिए कैसे प्रेरित किया जाए?
-यह जिम्मेदारी शिक्षक बखूबी निभा सकता है। स्कूल में शिक्षक बच्चे को जो कुछ सिखाते हैं, बच्चे बड़े होकर वही कुछ जीवन भर करते हैं। इसलिए बचपन में मतदान करने की जो शिक्षा दी जानी चाहिए।
नई तकनीक से मतदान करना मुश्किल तो नहीं रहेगा?
- ईवीएम मशीन पर मतदान करना सरल है। मुझे मतदान करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी। हां, इतना जरूर है कि अब मुझे दिखाई कम देता है। पहले तो वोट डालने के लिए मोहर का इस्तेमाल होता था और अब तो बटन दबाकर मतदान होता है। मतदान की आधुनिक तकनीक सरल और सुरक्षित है। मैं मतदान करने के लिए आज भी हस्ताक्षर करता हूं।
किसे मतदान करने की सलाह देना चाहोगे?
-पार्टी को किसी व्यक्ति विशेष को नहीं, बस केवल ईमानदार व्यक्ति को ही हमारा मत मिले। समाज के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति की पहचान करना हमारा नैतिक दायित्व है।
मतदान करने से किस तरह का बदलाव आ सकता है?
-यदि भ्रष्टाचार या किसी भी बुराई पर चोट करना चाहते हो तो मतदान से बेहतर कोई दूसरा हथियार नहीं है। जितना अधिक लोग मतदान करेंगे, उतना ही समाज को आगे ले जाने वाले अच्छे लोग सामने आएंगे। जब शासन में अच्छे लोग अधिकाधिक आएंगे तो निश्चित तौर पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
पहली बार कब मतदान किया?
-मैंने पहली बार 1951 में हुए लोकसभा चुनाव में मतदान किया था। उसके बाद चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा का चुनाव। हर बार मतदान करना मेरी प्राथमिकता में शामिल है।
डीसी किन्नौर की गाड़ी में मतदान करने आएंगे
श्याम सरण समर नेगी, रिकांगपिओ : देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी को डीसी किन्नौर नरेश कुमार लट्ठ अपनी गाड़ी में मतदान के लिए लेकर आएंगे। किन्नौर जिले के कल्पा गांव से श्याम सरण नेगी को मतदान केंद्र तक लाने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। वह 29वीं बार मतदान करेंगे। वीरवार सुबह 11 बजे उपायुक्त नरेश कुमार लट्ठ अपनी टीम के साथ श्याम सरण नेगी के घर पहुंचेंगे व उन्हें गाड़ी नंबर एचपी-01-0920 में बिठाकर पोलिंग बूथ नंबर 51 पर लेकर आएंगे। एसडीएम एवं रिटर्निंग अधिकारी डॉ. मेजर अवनिंद्र कुमार ने श्याम सरण नेगी ने बताया कि यहां टोपी व मफलर पहनाकर उनका सम्मान किया जाएगा। श्याम सरण नेगी 100 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं।
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