गढ़ी-सांपला-किलोई में हुड्डा की साख व सियासत को भाजपा के नांदल की कड़ी चुनौती
Haryana Assembly Election 2019 मे गढ़ी-सांपला- किलोई में इस बार पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की साख व सियासत को भाजपा के सतीश नांदल क़ड़ी चुनौती दे रहे हैं।
रोहतक, [ओपी वशिष्ठ]। Haryana Assembly Election 2019 गढ़ी-सांपला- किलोई सीट के चुनाव परिणाम पर हरियाणा के हर नेता व मतदाता की नजर है। यहां से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं भाजपा ने इसी सीट को जीतने के लिए चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। हुड्डा की सियासत और साख को इस बार भाजपा प्रत्याशी सतीश नांदल की कड़ी चुनौती मिली है।
हुड्डा के प्रचार की कमान बेटे दीपेंद्र ने संभाली थी, भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के निशाने पर रहे हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मजबूत दिख रहे हैं। लेकिन, भाजपा के साइलेंट वोटर को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बृहस्पतिवार को परिणाम आएंगे तो सभी तरह के कयासों पर विराम लग जाएगा। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में ही है। अन्य राजनीति दल और प्रत्याशी चुनावी दौड़ में काफी पीछे छूट चुके हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस आलाकमान से नेतृत्व की लड़ाई जीतने के बाद अब फिर से हरियाणा में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की इस चुनाव में अपने हल्के में साख दांव पर लगी हुई है। यहर कारण है कि उन्होंने गढ़ी-सांपला-किलोई में इस बार न तो प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने फिर से चौधर लाने का नारा दिया। उनके चुनाव प्रचार की कमान उनके पुत्र पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा संभाले हुए थे। उधर, भाजपा में प्रचार की कमान जहां प्रत्याशी सतीश नांदल ने खुद संभाला था और सांसद डा. अरविंद शर्मा भी खूब पसीना बहाया। इतना ही नहीं रोहतक में राष्ट्रीय नेताओं से भाजपा ने हुड्डा को ही मुख्य निशाने पर रखा।
लोकसभा में गैर जाट कार्ड खेला, अब जाट पर खेला दांव
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में रोहतक लोकसभा सीट से गैर जाट कार्ड खेला और सफलता हासिल की। लेकिन विधानसभा चुनाव के समीकरणों को देखते हुए जाट सतीश नांदल पर दांव खेला। सतीश नांदल दो बार इनेलो की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों ही बार दूसरे नंबर पर रहे थे। अब देखना है कि भाजपा इस प्रयोग में कितना सफल हो पाती है।
इनेलो-जजपा का नहीं दिख रहा खास प्रभाव
गढ़ी-सांपला-किलोई में इंडियन नेशनल लोकदल प्रत्याशी का ही कांग्रेस के साथ मुकाबला रहता था। लेकिन इनेलो से जजपा निकलने के बाद इस चुनाव में खास प्रभाव नहीं है। इनेलो ने जहां एडवोकेट कृष्ण कौशिक को टिकट दिया, वहीं जजपा ने डा. संदीप हुड्डा को प्रत्याशी बनाया। लेकिन दोनों की प्रत्याशियों का चुनाव में कोई खास प्रभाव दिखा।
हरियाणा गठन से लेकर अब तक रहे विधायक
चुनाव विधायक पार्टी उपविजेता
1967 महंत श्रेयो नाथ निर्दलीय रणबीर सिंह हुड्डा
1968 रणबीर सिंह हुड्डा कांग्रेस महंत श्रेयो नाथ
1972 महंत श्रेयो नाथ एनओसी प्रताप सिंह हुड्डा
1977 हरिचंद हुड्डा जनता पार्टी रणबीर सिंह हुड्डा
1982 हरिचंद हुड्डा लोकदल भूपेंद्र सिंह हुड्डा
1987 श्रीकृष्ण हुड्डा लोकदल भूपेंद्र सिंह हुड्डा
1991 कृष्णमूर्ति हुड्डा कांग्रेस श्रीकृष्ण हुड्डा
1996 श्रीकृष्ण हुड्डा लोकदल रामफूल सिंह
2000 भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस धर्मपाल सिंह
2005 श्रीकृष्ण हुड्डा कांग्रेस डा. प्रेम हुड्डा
2009 भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस सतीश नांदल
2014 भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस सतीश नांदल