Move to Jagran APP

Haryana Assembly Election 2019: खुद के हलकों में उलझे हरियाणा के 'स्टार' नेता, किला बचाने की चुनौती

Haryana Assembly Election 2019 में स्‍टार नेताओं की प्रतिष्‍ठा फंस गई है और वे अपने क्षेत्रों में ही उलझ कर रह गए हैं। इस कारण वे दूसरे प्रत्‍याशियों के लिए प्रचार से दूर हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 10:09 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 10:31 AM (IST)
Haryana Assembly Election 2019: खुद के हलकों में उलझे हरियाणा के 'स्टार' नेता, किला बचाने की चुनौती
Haryana Assembly Election 2019: खुद के हलकों में उलझे हरियाणा के 'स्टार' नेता, किला बचाने की चुनौती

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। Haryana assembly Election 2019 के रण में कई दिग्गज नेता अपने क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं। कड़े मुकाबले में फंसे इन दिग्‍गजों के लिए अपना किला बचाने की चुनौती है। अपना सीट बचाने के लिए दिन-रात एक कर रहे इन धुरंधरों ने दूसरी विधानसभा सीटों पर प्रचार से दूरी बना रखी है। कई दिग्गज नेताओं की खुद की सीटें बुरी तरह फंसी हुई हैं जिसके चलते भाजपा, कांग्रेस, इनेलो व जजपा के कई बड़े नेता दूसरे हलकों में प्रचार के लिए समय नहीं निकाल पा रहे। उनके लिए उनकी खुद की सीट महत्वपूर्ण हो गई है।

loksabha election banner

कांटे के मुकाबलों में फंसे कांग्रेस, इनेलो और जजपा के दिग्गज, अपनी सीटें बचाने की चुनौती

भाजपा की 13 मंत्रियों वाली सरकार के मुखिया मनोहर लाल सहित 11 मंत्री फिर से चुनाव मैदान में हैं। मुख्यमंत्री अपने निर्वाचन क्षेत्र करनाल को कार्यकर्ताओं के हवाले कर पूरे प्रदेश में भाजपा के दूसरे प्रत्याशियों के लिए हर दिन आधा दर्जन से ज्यादा रैलियां कर धुआंधार प्रचार में जुटे हैं।

अपने क्षेत्रों से बाहर नहीं निकल पा रहे कुछ मंत्री, सीएम मनोहर लाल पर टिका चुनाव प्रचार का दारोमदार

मनोहर कैबिनेट के सीनियर मंत्रियों में शुमार रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़ सहित दूसरे मंत्री हों या फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, हरियाणा भाजपा के स्टार प्रचारकों में शुमार होने के बावजूद खुद का किला बचाने के लिए अपने हलकों से बाहर नहीं निकल  पा रहे।

केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने रेवाड़ी सीट पर पूरा जोर लगाया हुआ है तो कृष्ण पाल गुर्जर फरीदाबाद और रतनलाल कटारिया अंबाला जिले में अपने चहेते प्रत्याशियों के लिए समर्थन जुटाने तक सीमित हैं। गढ़ी-सांपला-किलोई से चुनाव लड़ रहे  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हालांकि कई सीटों पर प्रचार के लिए निकले हुए हैं, लेकिन तोशाम में जीत की हैट्रिक लगा चुकीं किरण चौधरी, आदमपुर से चुनाव लडऩे वाले कुलदीप बिश्नोई और कैथल में सीट बचाने की जिद्दोजहद में लगे रणदीप सुरजेवाला को अपनी जीत की चिंता अधिक है।

राज्य के कई बड़े दिग्गजों पर अपनी परंपरागत सीट बचाने का दबाव है। इनेलो के चुनावी कैंपेन की बागडोर संभालने वाले अभय चौटाला भी ऐलनाबाद में खुद का चुनाव मजबूती से लड़ रहे हैं। बाकी उम्मीदवारों के लिए उनके पास समय नहीं निकल पा रहा है।

उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्‍नी प्रेमलता से टक्कर ले रहे दुष्यंत चौटाला और बाढड़ा में त्रिकोणीय मुकाबले में लड़ रही नैना चौटाला कई स्थानों पर रैलियां कर रहे हैं। दुष्यंत चौटाला अपनी उचाना सीट के साथ-साथ बाकी आधा दर्जन अहम सीटों पर निगाह टिकाए हुए हैं और प्रचार में लगे हैं।

यह भी पढ़ें: साईं मंदिर का दान पात्र खोला तो कमेटी के मेंबर रह गए दंग, निकले ऐसे नोट

प्रादेशिक नेताओं से ज्यादा केंद्रीय स्टार प्रचारकों पर भरोसा

भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय नेताओं के साथ ही प्रदेश के करीब एक दर्जन नेताओं को स्टार प्रचारकों में शामिल किया हुआ है। अपने ही हलके में कांटे की टक्कर में उलझने से प्रदेश के यह स्टार प्रचारक केवल नाम के स्टार प्रचारक बनकर रह गए। हालांकि आसपास के क्षेत्रों में होने वाली सभाओं या फिर प्रेस कांफ्रेंस में यह दिग्गज जरूर मंच पर नजर आ जाते हैं, लेकिन स्टार प्रचारक के तौर इन्हें कहीं भी मौका नहीं मिल रहा। अधिकतर प्रत्याशी भी प्रदेश के स्टार प्रचारकों को बुलाने में रुचि दिखाने की बजाय केंद्रीय केंद्रीय स्टार प्रचारकों की डिमांड ज्यादा कर रहे हैं।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.