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Haryana Assembly Election 2019: दूसरे दलों के बागी नेताओं को दुष्यंत चौटाला का सहारा

Haryana Assembly Election 2019 में दुष्‍यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी अन्‍य दलों के बागीी नेताओं के लिए सहारा बन गई है। अन्‍य दलों के कई नेताओं को जेजेपी ने टिकट दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 09:21 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 09:28 AM (IST)
Haryana Assembly Election 2019: दूसरे दलों के बागी नेताओं को दुष्यंत चौटाला का सहारा
Haryana Assembly Election 2019: दूसरे दलों के बागी नेताओं को दुष्यंत चौटाला का सहारा

चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Assembly Election 2019 में जननायक जनता पार्टी अन्‍य दलों के बागी नेताओं के लिए सहारा बन गई है। भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने दुष्यंत चौटाला और नैना सिंह चौटाला के नेतृत्व में आस्था जाहिर करते हुए जननायक जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। टिकट नहीं मिलने से नाराज दूसरे दलों के कुछ कार्यकर्ता शुक्रवार को भी जजपा का दामन थाम सकते हैं। जेजेपी ऐसे तमाम नेताओं को चुनावी रण में उतार रही है, जो दूसरे दलों के बागी हैं और चुनावी दंगल में भिडऩे का माद्दा रखते हैं।

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कांग्रेस, भाजपा व आप के कई नेता हुए जजपा में शामिल

बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं सह संगठन मंत्री अजय गौतम ने जजपा का दामन थाम लिया। नई दिल्ली स्थित जेजेपी कार्यालय में पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी ज्वाइन की। अजय गौतम को जेजेपी ने पंचकूला से अपना उम्मीदवार भी बना दिया। हालांकि आम आदमी पार्टी का दावा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अजय गौतम को पहले ही निष्कासित कर दिया गया था।

कुछ को चुनावी मैदान में उतारा तो कुछ के नाम आज घोषित होंगे

 भाजपा नेता नेता डा. वीरेंद्र  सिवाच ने डबवाली की पूर्व विधायक नैना चौटाला की उपस्थिति में जेजेपी ज्वाइन की। वीरेंद्र सिवाच भाजपा में फतेहाबाद से टिकट के दावेदार थे। अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र सांगवान ने कांग्रेस छोड़कर जेजेपी का दामन थामा। शाहाबाद से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ चुके रामकरण काला ने भी नई दिल्ली में जेजेपी ज्वाइन की। काला पिछला चुनाव मात्र 600 वोटों के अंतर से हारे थे।

सोहना से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके रोहतास खटाणा ने भी नई दिल्ली में जेजेपी ज्वाइन की। गोहाना मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन भूपेंद्र मलिक, सोनीपत जिले में पूर्व मंत्री वेद सिंह मलिक के भाई रणधीर मलिक, खरखौदा के भाजपा नेता पवन खरखौदा ने भी जेजेपी का दामन थामा। पवन खरखौदा ने खरखौदा से आजाद चुनाव लड़ा था। अंबाला कैंट से भाजपा के ग्रामीण मंडल प्रभारी पूर्व चेयरमैन गुरपाल माजरा, पूर्व ब्लाक समिति चेयरमैन राजेश सचदेवा, कश्यप समाज के जिला अध्यक्ष तरसेम सिंह कश्यप और मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन सुच्चा सिंह एवं पूर्व सरपंच जगदीप सिंह ने भी जेजेपी ज्वाइन की।

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टिकट कटा तो कईयों की बदल गई राहें

विधानसभा चुनावी बिसात पर नित नई गोटियां फिट हो रही हैं। कल तक टिकट के प्रबल दावेदार आज रेस से बाहर हो चुके हैं। गुजरते वक्त के साथ अपनी पार्टियों के प्रति निष्ठा का दंभ भरने वालों ने असंतोष की राह भी पकड़ ली है। अटेली विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक नरेश यादव ने कार्यकर्ताओं सहित कांग्रेस को अलविदा कह दिया और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अटेली से चुनाव लडऩे का एलान किया है। वहीं पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए जजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री मोहम्मद इलियास ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। मोहम्मद इलियास शुक्रवार को नामांकन करेंगे।

गुरुग्राम विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट नहीं मिलने से मौजूदा विधायक उमेश अग्रवाल और उनके समर्थकों में नाराजगी देखी गई। बृहस्पतिवार शाम को विधायक ने बताया कि समर्थक चाहते हैं कि सामाजिक संगठनों से जुड़ी उनकी पत्नी अनीता लूथरा अग्रवाल निर्दलीय चुनाव लड़ें। उन्होंने दावा किया कि अनीता आज नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।

जींद में कांग्रेस के जिला कार्यालय प्रभारी रहे रघुबीर भारद्वाज ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस से किनारा कर लिया। माना जा रहा है कि अब वह आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं। करनाल में असंध हलके से टिकट मांग रहे जिलेराम शर्मा ने भी आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडऩे का एलान किया है।

कुरुक्षेत्र की पेहवा विधानसभा सीट पर भाजपा के संदीप ओंकार ने टिकट न मिलने पर आजाद उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की तैयारी की है। यमुनानगर व कैथल में हालांकि अब तक कोई भी उम्मीदवार ऐसा सामने नहीं आया है, जो अपनी पार्टी के खिलाफ खड़ा हुआ हो, मगर माना जा रहा है कि यहां भी शुक्रवार तक समीकरण बदल सकते हैं।

अंबाला की कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व राजस्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। देर शाम तक यहां का घटनाक्रम पल-पल रंग बदलता रहा।

सिरसा हलके से भाजपा के गोकुल सेतिया और कांग्रेस के रणजीत सिंह भी बगावत का झंडा उठाए हुए हैं। ये दोनों नेता शुक्रवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर सकते हैं।फतेहाबाद के टोहाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के देवेंद्र बबली के जेजेपी में जाने की चर्चा सरगर्म है।

झज्जर के बेरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता अजय अहलावात पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं। रोहतक के महम हलके से भाजपा नेता बलराज कुंडू ने जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी छोड़कर आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया है। भिवानी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट न मिलने पर नीलम अग्रवाल और मामनचंद ने पार्टी से विद्रोह कर दिया है। नीलम अग्रवाल एक फिर समस्त भारतीय पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ेंगी जबकि मामनचंद जेजेपी के पाले में जा चुके हैं। वहीं भाजपा के शिवशंकर भारद्वाज ने भी जजपा ज्वाइन कर ली है।

आदमपुर और नलवा विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे कांग्रेस के संपत सिंह भी विद्रोही तेवर अपनाए हुए हैं। अभी उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है, लेकिन शुक्रवार सुबह अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है और उसके बाद ही आगे का फैसला लेंगे। वहीं बरवाला हलके से कांग्रेस के पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला और भाजपा के जोगीराम सिहाग ने भी बगावत कर दी है। राम निवासी घोड़ेला निर्दलीय उम्मीदवार के रूप चुनाव लड़ेंगे, जबकि जोगीराम सिहाग ने जजपा का दामन थाम लिया है।


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