Move to Jagran APP

दशकों से शांति, फिर भी नहीं हटता दाग, ऐसे घोषित होते हैं संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ

संसदीय चुनावों में हिंसा के लिहाज से दूसरे प्रदेशों की तुलना में हरियाणा शांत है। इसके बावजूद एक तिहाई से अधिक पोलिंग बूथों पर संवेदनशील या अति संवेदनशील होने का दाग है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 11:03 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 04:47 PM (IST)
दशकों से शांति, फिर भी नहीं हटता दाग, ऐसे घोषित होते हैं संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ
दशकों से शांति, फिर भी नहीं हटता दाग, ऐसे घोषित होते हैं संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। संसदीय चुनावों में हिंसा के लिहाज से दूसरे प्रदेशों की तुलना में हरियाणा शांत है। इसके बावजूद एक तिहाई से अधिक पोलिंग बूथों पर संवेदनशील या अति संवेदनशील होने का दाग। इनमें बड़ी संख्या में पोलिंग स्टेशन ऐसे, जिनमें वर्षों से छिटपुट झगड़ा तक नहीं हुआ, लेकिन स्थानीय चुनावों से लेकर विधानसभा और लोकसभा के हर चुनाव में संवेदनशील या अति संवेदनशील बूथ का अनचाहा 'तमगा' मिल जाता है।

loksabha election banner

लोकसभा चुनावों के लिए एक बार फिर से संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों की पहचान की कवायद अंतिम चरण में है। हर बार की तरह ज्यादातर जिलों में दशकों से चले आ रहे संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की ग्राउंड रिपोर्ट जांचे बिना उन्हें फिर चुनावी हिंसा की आशंका वाले बूथों की श्रेणी में डाला जा रहा है।

वर्षों पहले जहां भी चुनावों में अड़चन पैदा हुई, झगड़ा हुआ या फिर सुरक्षा पर सवाल उठे तो पुलिस व प्रशासन ने इन बूथों को संवेदनशील व अति संवेदनशील बूथों का नाम दे दिया। तभी से ऐसे केंद्रों की पुनर्समीक्षा किए बगैर इन्हें संवेदनशील या अति संवेदनशील बूथ घोषित करने की औपचारिकता निभा दी जाती है, जबकि हकीकत में यहां तनाव की कोई बात ही नहीं होती।

पिछले लोकसभा चुनावों की ही बात करें तो प्रदेश में 16 हजार 244 पोलिंग बूथों में 3043 अति संवदेनशील और 2976 संवेदनशील थे। 12 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनावों के लिए फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र में कुल 2036 पोलिंग बूथों में से 844 यानी कि 41 फीसद से अधिक बूथ संवेदनशील या अति संवेदनशील घोषित किए गए हैं। यहां 338 पोलिंग बूथ संवेदनशील व 506 पोलिंग बूथ अति संवेदनशील की श्रेणी में डाले गए हैं। फतेहाबाद जिले के 23 गांवों में 63 अति संवेदनशील तथा 26 गांवों में 72 संवेदनशील बूथ चिन्हित किए गए हैं। इसी तरह सोनीपत जिले में 251 बूथ अति संवेदनशील और 183 संवेदनशील हैं।

कैसे घोषित होते संवेदनशील व अति संवेदनशील बूथ 

जिस गांव या शहर के बूथ में कभी  चुनाव के दौरान हिंसा हुई हो या कोई रंजिश चली आ रही हो या फिर पुलिस रिकार्ड में किसी क्षेत्र में अधिक झगड़ा हुआ हो, उसे संवेदनशील का दर्जा दे दिया जाता है। इसके अलावा जिस बूथ पर अधिक झगड़े की संभावना होती है, उसे अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा जाता है। संवेदनशील बूथ पर हथियारों के साथ छह सिपाही व छह होमगार्ड के अलावा सशस्त्र पुलिस के छह हथियारबंद जवान भी तैनात रहेंगे। अति संवेदनशील बूथ पर 12 सिपाही व 12 होमगार्ड के साथ आर्म्ड फोर्स के जवानों की ड्यूटी रहेगी।

वेबसाइट पर होगा मतदान का लाइव प्रसारण

सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील पोलिंग बूथों पर मतदान का सीधा प्रसारण होगा। इसके लिए सभी बूथों को वेबकास्टिंग से जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जहां मतदान केंद्र का प्रसारण देखा जा सकेगा, वहीं केंद्र के बाहर वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। बूथ पर आने वाले हर व्यक्ति पर नजर रहेगी, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना न रहे।

बदलती रहती संवेदनशीलता : डीजीपी

हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव का कहना है कि किसी क्षेत्र की संवेदनशीलता स्थानीय कानून व्यवस्था की स्थिति, गुटबाजी और क्षेत्र में होने वाली आपराधिक गतिविधियों के आधार पर बदलती रहती है। हमारी टीमें लगातार हर चीज पर पैनी नजर रख रही हैं और उसी आधार पर संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों की पहचान की जा रही है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 65 कंपनियों के साथ ही होमगार्ड और विशेष पुलिस अधिकारियों सहित राज्य पुलिस बल के 50 हजार से अधिक जवान शांतिपूर्वक चुनाव सुनिश्चित करेंगे।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.