Loksabha Election 2019 भारतीय लोकतंत्र के यज्ञ में आहुति डालने को तैयार एनआरआइ
Loksabha Election 2019 में विदेश में रह रहे भारतीयों की भी काफी दिलचस्पी है। ये एनआरआइ भारतीय लोकतंत्र के इस यज्ञ में अपनी आहुति डालना चाहते हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। अलग-अलग देशों में बसे अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के यज्ञ Loksabha Election 2019 में अपने वोट की आहुति डालने को तैयार हैं। भारत में चुनाव से पहले यह एनआरआइ न केवल अपनी पसंद की पार्टियों के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं, बल्कि अपने-अपने राज्यों में वोट डालने के लिए आने को तैयार बैठे हैं। हरियाणा के 14 एनआरआइ की वोट बनी हुई है और पिछले कई चुनाव में वह अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं।
हरियाणा और पंजाब के सौ एनआरआइ ने दिखाई मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने में रुचि
हरियाणा की सरजमीं से जुड़े करीब सवा सौ एनआरआइ ने नई वोट बनवाने में रुचि दिखाई है। अंबाला के 20, करनाल 12, गुरुग्राम के 24 और पंचकूला के तीन एनआरआइ ने वोट बनवाने के लिए अपने जिलों के निर्वाचन कार्यालयों में संपर्क साधा है।
उधर, हरियाणा के जिन 14 एनआरआइ मतदाताओं के वोट बने हुए हैं, उनमें 10 पुरुष और चार महिलाएं। इनमें फरीदाबाद व गुरुग्राम के तीन-तीन, पलवल का एक, पंचकूला के चार, कैथल के दो और सोनीपत का एक एनआरआइ शामिल है। पंजाब के एनआरआइ मतदाताओं की संख्या 22 है और वहां भी सौ से अधिक लोगों ने नई वोट के लिए आवेदन करने में रुचि दिखाई है। हालांकि भारत में वोट उन्हीं लोगों के बन सकते हैं, जिनकी नागरिकता बरकरार है। यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के देशों में भारत के लोगों की सबसे अधिक है।
दुनिया के 10 देशों में भारतीयों की आबादी 17 से 69 फीसद
करीब 3.10 करोड़ एनआरआइ दुनिया के विभिन्न देशों में रह रहे हैं। मारीशस में कुल आबादी का 68.3 फीसद, गुयाना में 43.5, त्रिनिनाद और टौबेगो में 40.25, फिजी में 40.1, संयुक्त अरब अमीरात में 40, रीयूनियन (फ्रांस) में 28, सूरीनाम 27.4, कुवैत में 21.6, सेंट विन्सेंट और ग्रेनाडींस में 19.7 और ओमान में 17.5 फीसद आबादी भारत के लोगों की है।
एनआरआइ को आनलाइन वोट डालने का अधिकार नहीं
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव रंजन के अनुसार 12 अप्रैल की शाम तीन बजे तक फार्म छह-ए भरकर कोई भी व्यक्ति अपनी वोट बनवा सकता है। एनआरआइ मतदाता को आनलाइन अथवा प्राक्सी वोट डालने का अधिकार नहीं है। उन्हें वोटिंग के लिए भारत आना ही पड़ेगा। मुख्य सहायक निर्वाचन अधिकारी महेश्वर दत्त शर्मा के अनुसार ऑनलाइन वोटिंग के लिए जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने की जरूरत होगी।