Loksabha Election: भाजपा को जाटों पर भरोसा, डेरा प्रेमियों से आस बरकरार
Loksabha Election 2019 में हरियाणा में सभी दल अपनी रणनीति बना रहे हैं और विभिन्न वर्गों को लुभा रहे हैं। ऐसे में भाजपा को जाटों पर भरोसा है और डेरा समर्थकों से उसे उम्मीद है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में हुए जाट आरक्षण आंदोलन और डेरा हिंसा के बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा की Loksabha Election 2019 में जाटों से आस नहीं टूटी है। उसे उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में न केवल जाट बल्कि डेरा सच्चा सौदा समर्थक (डेरा प्रेमी) भी भाजपा को वोट देंगे। इसकी बड़ी वजह भाजपा सरकार का एक समान विकास और नौकरियों में पारदर्शिता के साथ ही बदले की भावना से काम नहीं करने की नीति को माना जा रहा है। डेरा प्रेमियों का वोट हासिल करने के लिए भाजपा एक रणनीति के तहत डेरे की राजनीतिक विंग से भी संपर्क साधने में परहेज नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उम्मीद जाट भी वोट देंगे और डेरा प्रेमी भी
खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल जाट समुदाय और डेरा प्रेमियों के वोट मिलने के प्रति आशान्वित हैं। चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर चुनींदा पत्रकारों से गुफ्तगू में मुख्यमंत्री ने माना कि इस बार के चुनाव में जाट और गैर जाट का मुद्दा नहीं चलेगा। पांच नगर निगम और जींद उपचुनाव में भाजपा को गैर जाटों के साथ जाटों ने भी मत दिए हैैं। सरकार ने ङ्क्षहसा के बाद जाट व गैर जाट दोनों का भरोसा जीतने के लिए काम किए हैैं।
सीएम ने जाट आरक्षण आंदोलन का ठीकरा कांग्र्रेस के सिर फोड़ा
मुख्यमंत्री के अनुसार लोगों की सोच का दायरा बढ़ा है। वह नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैैं। भाजपा ने कभी हथकंडों की राजनीति नहीं की। दूसरे दलों के मुखिया घबराए हुए हैैं। भाजपा में यह घबराहट नहीं है। जाट समुदाय को आरक्षण देने का समर्थन करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि हमारे कानून बनाने के बावजूद कुछ लोग आंदोलन पर अड़े रहे। ऐसे लोगों का मकसद आरक्षण नहीं बल्कि प्रदेश व सरकार दोनों को अस्थिर करना था।
जाट आंदोलन की आड़ में प्रदेश और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश
मुख्यमंत्री के अनुसार, हमने जाटों समेत छह जातियों को आरक्षण दिया, लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया। केंद्र सरकार ने अनारक्षित जातियों को 10 फीसद आरक्षण दिया है, जिसमें जाटों समेत बाकी छह जातियां भी कवर हो रही हैैं। उन्होंने खुला आरोप लगाया कि हरियाणा को जलवाने में कांग्र्रेस नेताओं का रोल था। कांग्र्रेस के लोग प्रदेश व सरकार को गिराना चाहते थे। हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया था।
सीएम ने कहा, डेरामुखी कोर्ट में पेश नहीं होते तो अधिक खून खराबा होता
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि राज्य में कभी-कभी दुर्घटनाएं हो जाती हैैं मगर हर दुर्घटना का राजनीतिक लाभ लेने की सोच नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पंचकूला में हुई हिंसा पर अफसोस जताते हुए कहा कि यदि डेरा प्रमुख सिरसा में होते और कोर्ट उन्हें किसी भी सूरत में अदालत में पेश करने का आदेश देती तो ज्यादा हिंसा होती।
सरकार ने सूझबूझ से काम लेते हुए डेरा प्रमुख को अदालत में पेश करने की नीति पर काम किया। पहले भी डेरा प्रेमियों ने भाजपा को वोट दिए हैैं और अब भी डेरे की राजनीतिक विंग से संपर्क साधा जाएगा। जिस तरह से बाकी जगह पर भाजपा वोट मांगेगी, उसी तरह हम डेरा प्रेमियों से भी वोट का आग्रह करेंगे।