Move to Jagran APP

गुजरात चुनाव में 70 सीटों पर लड़ेगी शिवसेना

शिवसेना पिछले 25 साल से भाजपा की सहयोगी राजनीतिक दल रही है। लेकिन महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव से दोनों के रिश्ते खराब चल रहे हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 09 Nov 2017 08:23 PM (IST)Updated: Thu, 09 Nov 2017 08:23 PM (IST)
गुजरात चुनाव में 70 सीटों पर लड़ेगी शिवसेना
गुजरात चुनाव में 70 सीटों पर लड़ेगी शिवसेना

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। शिवसेना ने भी गुजरात विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा कर दी है। वह राज्य की 60 से 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।

loksabha election banner

शिवसेना पिछले 25 साल से भाजपा की सहयोगी राजनीतिक दल रही है। लेकिन, महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव से दोनों के रिश्ते खराब चल रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को शिवसेना ने गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुंबई महानगरपालिका में वर्सोवा क्षेत्र से पार्टी की सभासद राजुल पटेल एवं अपने वरिष्ठ नेता हेमराज शाह को गुजरात चुनाव के उम्मीदवार चयन की जिम्मेदारी सौंपी है। संपूर्ण गुजरात चुनाव के देखरेख का जिम्मा पार्टी के राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई को दिया गया है।

राजुल पटेल ने आज दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि पार्टी प्रथम चरण के चुनाव में 40 से 50 सीटों पर एवं दूसरे चरण में 15 से 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। 1960 में गुजरात राज्य का गठन महाराष्ट्र से अलग होकर हुआ है। इसलिए सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद एवं राजकोट जैसे क्षेत्रों में कई सीटों पर मराठीभाषी अच्छी संख्या में रहते हैं। शिवसेना इन्हीं क्षेत्रों पर अपने उम्मीदवार उतारने पर ध्यान देगी।

शिवसेना इससे पहले 2002 एवं 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी है। 2002 में वह 15 सीटों पर लड़ी थी और उसे कुल 4,946 मत हासिल हुए थे। सभी 15 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। उसका मत प्रतिशत एक फीसद से भी कम था। 2007 में वह 38 सीटों पर लड़ी। फिर सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई और इस बार मत प्रतिशत आधा फीसद से भी कम रहा। 2012 में शिवसेना गुजरात चुनाव नहीं लड़ी। राजुल पटेल कहती हैं कि उस समय शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण शिवसेना ने यह चुनाव नहीं लड़ा था। लड़े गए दो चुनावों में बेहद खराब प्रदर्शन के बावजूद इस बार चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर राजुल पटेल कहती हैं कि लड़ेंगे नहीं तो पार्टी का विस्तार कैसे होगा? शिवसेना यह दावा भी करती है कि 2007 में उसका प्रदर्शन भले ही खराब रहा हो, लेकिन उसके कारण भाजपा को तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

बता दें कि शिवसेना नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पहले यदा-कदा उनकी प्रशंसा भी करती रही है। 2007 के गुजरात चुनाव से दो माह पहले उद्धव ठाकरे मुंबई में आयोजित नरेंद्र मोदी के सम्मान समारोह में शामिल हुए थे। तब उन्होंने दिल खोलकर मोदी की प्रशंसा की थी, और कहा था कि नरेंद्र मोदी ऐसे भाई हैं, जिनके कंधे पर विश्वास के साथ सिर टिकाया जा सकता है। लेकिन इस बयान के दो महीने बाद ही गुजरात का चुनाव घोषित होने पर शिवसेना ने वहां 38 उम्मीदवार उतार दिए थे। हालांकि तब गुजरात चुनाव से कुछ माह पहले ही अपनी अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाने वाले उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने अपने पार्टी महासचिव शिशिर शिंदे एवं उपाध्यक्ष वागीश सारस्वत के हाथों पत्र भेजकर गुजरात के मराठी समुदाय से नरेंद्र मोदी के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी।

यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने पाटीदारों को आरक्षण के लिए दिए 3 विकल्प, इस फॉर्मूले पर बन सकती है बात


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.