इतनी आसानी से 'विकास' को पागल कैसे कह दें!
टैक्सी ड्राइवर जगदीश पटेल बाईं ओर इशारा करके बताते हैं कि साहब वो मेरा गांव है- कुक्कर पाड़ा। 1500 की आबादी वाला यह गांव नर्मदा नदी के बिल्कुल किनारे बसा है।
ओमप्रकाश तिवारी,भरूच (गुजरात)। अंकलेश्वर से अहमदाबाद की ओर जानेवाला पुराना हाइवे नर्मदा नदी पर अंग्रेजों द्वारा बनाए गए एक बड़े लोहिया पुल से गुजरता है। सुनहरी पॉलिश होने के कारण इसे गोल्डन पुल कहा जाता है। मुश्किल से दो कारों की चौड़ाई वाले इसी पुल से गुजरते हुए टैक्सी ड्राइवर जगदीश पटेल बाईं ओर इशारा करके बताते हैं कि साहब वो मेरा गांव है- कुक्कर पाड़ा। 1500 की आबादी वाला यह गांव नर्मदा नदी के बिल्कुल किनारे बसा है। गांव के ज्यादातर निवासी माछी पटेल, यानी मछुवारा समुदाय से हैं।
गांव के अस्सी फीसद लोग खेती करते हैं। खेती का ज्यादातर काम महिलाएं संभालती हैं। पुरुष सब्जियों को निकट के सूरत, वडोदरा एवं अहमदाबाद आदि बड़े शहरों में ले जाकर बेचने का काम करते हैं। कई घरों में पशुपालन का काम भी होता है। जो ग्रामवासियों के लिए पर्यायी आमदनी का जरिया है। गांव के कई पुरुष छोटे-मोटे व्यवसायों में भी लगे हैं।
पटेल जातिनाम सुनते ही युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के बारे में कुरेदा। हार्दिक के आंदोलन की तारीफ करते हुए बात शुरू की तो जगदीश बिफर पडे। वह साफ कहते हैं कि न सिर्फ उनका समुदाय (माछी पटेल), बल्कि गुजरात राज्य में पटेलों के और भी कई समुदायों का इस आंदोलन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा है। दुनिया की खबरों से सजग जगदीश मानते हैं कि हार्दिक का आंदोलन तगड़ा हुआ। पाटीदार आंदोलन के दौरान सरकार की तरफ से हुई गोलीबारी की घटना को भी वह सरकार की चूक मानते हैं। लेकिन इससे पूरा पाटीदार समाज हार्दिक के पीछे खड़ा हो जाएगा, इससे वह कतई सहमत नहीं है।
जगदीश कहते हैं कि पिछले 15 सालों में गुजरात ने जो विकास देखा है, उसे नकारा तो नहीं जा सकता। वह खुद अपने गांव का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि पूरे गांव में न सिर्फ आरसीसी की सड़कें बनी हैं, बल्कि सड़कों के दोनों ओर पेवर ब्लॉक भी लगे हैं। क्या मजाल जो बरसात में कहीं जरा भी कीचड़ दिखाई दे जाए। घर-घर में नल लगा है। लेकिन, उसमें खारा पानी आने के कारण उसका उपयोग अन्य घरेलू कामों में होता है। पेयजल के लिए गांव में फिल्टर प्लांट लगे हैं। जहां से लोग पीने का पानी लाते हैं। करीब एक दशक पहले तक बिजली मुश्किल से आती थी। अब 24 घंटे रहती है।
जगदीश बड़े उत्साह से बताते हैं कि उनके घर के आसपास से चार हाइवे निकलने जा रहे हैं। उनमें एक तो कोस्टल हाइवे है। इसके अलावा हाल ही में भरूच के दहेज कस्बे से भावनगर को जोड़नेवाली रो-रो फेरी सेवा भी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा गुजरात में 'विकास पागल हो गया है' का नारा दिए जाने पर हंसते हुए जगदीश कहते हैं कि साहब यह तो राजनीति है। वरना मेरे गांव जैसा ही काम गुजरात के लगभग सभी गांवों में हुआ है। जब विकास साफ-साफ सामने दिख रहा है तो इतनी आसानी से उसे 'पागल' कैसे कहा जा सकता है?
यह भी पढ़ें: गुजरात चुनावः नारणपुरा से भाजपा का 'गुजरात गौरव महासंपर्क अभियान' शुरू