गुजरात की बाजी: मौजूदा विधानसभा में सबसे ज्यादा 36 फीसद आपराधिक छवि के नेता कांग्रेस में
गुजरात में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। इससे पहले कि आप अपनी पसंद की पार्टी और नेता को वोट दें, आइए जानते हैं आपके मौजूदा विधायकों का क्या है हाल...
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। जैसे-जैसे गुजरात चुनाव के पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी परवान चढ़ता जा रहा है। पहले चरण का मतदान 9 दिसंबर और दूसरे चरण का मतदान 14 दिसंबर को होना है। दोनों चरणों के लिए नामांकन पूरे हो चुके हैं। अब प्रचार अपने पूरे शबाब पर है। इस बीच मतदाताओं के पास मौका है पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुना था उनके कामों का लेखा-जोखा जांचने का। मतदाताओं के इस काम को हम (दैनिक जागरण) आसान कर देते हैं। चलिए जानते हैं पिछली बार जो नेता विधानसभा पहुंचे थे कैसा रहा उनका काम यानी चाल-चरित्र और चेहरे का पूरा लेखा जोखा।
31 फीसद पर आपराधिक रिकॉर्ड
एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 182 में 158 विधायकों के पिछले चुनाव में दिए गए शपथपत्रों का अध्ययन किया है। 15 सीटें फिलहाल खाली हैं और कुछ के शपथपत्रों की कॉपियां स्पष्ट नहीं होने की वजह से भी उनका आकलन नहीं किया जा सका है। जिन 158 विधायकों के शपथ पत्रों की जांच की गई उनमें से कुल 49 यानी 31 फीसद ने जाहिर किया है कि उनके ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुल 21 यानी 13 फीसद ने अपने शपथ पत्र में यह भी माना है कि उनके ऊपर गंभीर प्रवृत्ति के आपराधिक मामले दर्ज हैं। बता दें कि गंभीर प्रवृत्ति के आपराधिक मामलों में बलात्कार, डकैती, दंगा फैलाना, हत्या, हत्या की कोशिश, भ्रष्टाचार, अपहरण जैसे वे सभी अपराध शामिल होते हैं, जिनमें 5 या इससे ज्यादा साल की कैद का प्रावधान है।
किस पार्टी में कितने अपराधी
अब अगर आपराधिक रिकॉर्ड वाले नेताओं का पार्टीवार वर्गीकरण करें तो सर्वाधिक 30 ऐसे विधायक भाजपा से हैं। भाजपा के कुल 112 में से 30 यानि 27 फीसद विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि प्रतिशत के आधार पर बात करें तो कांग्रेस व अन्य पार्टियां सत्तारूढ़ पार्टी को इस मामले में मात देती हैं। कांग्रेस के 42 में से 15 यानी 36 फीसद आपराधिक रिकॉर्ड वाले नेता हैं। गुजरात विधानसभा में एनसीपी के दो विधायक हैं और दोनों पर ही आपराधिक मामले दर्ज हैं। गुजरात परिवर्तन पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के एक-एक विधायक हैं और उनके भी आपराधिक रिकॉर्ड हैं। इस तरह से इन पार्टियों का आंकड़ा 100 फीसद पर पहुंच जाता है।
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जहां तक गंभीर प्रवृत्ति के अपराधों में लिप्त विधायकों की बात की जाए तो कांग्रेस के 4 यानी 10 फीसद, भाजपा के 15 यानी 13 फीसद, जदयू के 1 यानी 100 फीसद, एनसीपी के 1 यानी 50 फीसद विधायकों ने माना है कि उन पर गंभीर प्रवृत्ति के आपराधिक मामले दर्ज हैं।
करोड़ों में खेलने वाले विधायक
चुनाव लड़ना और जीतना कोई आम बात नहीं है। इसके लिए काफी पैसा लगता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि विधानसभा में कितने करोड़पति विधायक हैं। 158 में से कुल 108 यानि 68 फीसद विधायक करोड़पति हैं। गुजरात विधानसभा में 37 यानी 23 फीसद विधायकों की संपत्ति 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की है, जबकि 35 यानी 22 फीसद विधायकों की झोली में 2 से 5 करोड़ की संपत्ति है। कुल 64 यानी 41 फीसद विधायकों की संपत्ति 50 लाख से 2 करोड़ के बीच है। 18 यानी 11 फीसद विधायक ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 10 से 50 लाख के बीच है। सिर्फ 4 यानी 3 फीसद विधायक ही ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 10 लाख से नीचे है। विधायकों की औसत संपत्ति 6.23 करोड़ रुपये है।
पार्टीवार करोड़पति विधायकों की बात करें तो कांग्रेस के 42 में से 23 यानी 55 फीसद विधायक करोड़पति हैं। जबकि भाजपा के 112 में से 82 यानी 73 फीसद विधायकों के पास करोड़ों की संपत्ति है। एनसीपी के दोनों और जदयू का 1 विधायक भी यानी 100 फीसद करोड़पति हैं। जहां तक सबसे अमीर विधायकों की बात है तो पूर्वी राजकोट सीट से कांग्रेस विधायक राजगुरु इंद्रनील संजय भाई 122 करोड़ की संपत्ति के साथ टॉप पर हैं। दूसरे नंबर पर 82 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के साथ मनवादर से कांग्रेस विधायक जवाहरभाई पेठालालजीभाई हैं। अकोटा से भाजपा विधायक दलाल पटेल सौरभ यशवंतभाई की संपति 56 करोड़ से ज्यादा है, जबकि पाड्रा से भाजपा विधायक पटेल दिनेशभाई बालूभाई की कुल संपत्ति 39 करोड़ से ज्यादा है।
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इतने पढ़े-लिखे हैं आपके मौजूदा विधायक
जहां तक शिक्षा की बात की जाए तो बता दें कि कुल 81 यानी 51 फीसद विधायक 5वीं से 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं। जबकि 67 यानी 42 फीसद विधायकों ने बताया है कि उनकी शिक्षा ग्रेजुएशन या उससे ऊपर तक हुई है। 6 विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने खुद को सिर्फ शिक्षित बताया है।
युवा शक्ति पर जोर, अधेड़ विधायक
राजनीति में युवाओं को ज्यादा मौके दिए जाने के बारे में तमाम राजनीतिक दल बात करते हैं। लेकिन गुजरात विधानसभा में सिर्फ 18 यानी 12 फीसद विधायक ही 25 से 40 साल की उम्र के हैं। 108 यानी 68 फीसद विधायकों की उम्र 41 से 60 साल के बीच है। कुल 32 यानी 20 फीसद विधायकों की उम्र 61 से 80 साल के बीच है।
महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 फीसद आरक्षण दिए जाने की बात भले ही लगातार कही जाती रही हो, लेकिन इसे लागू करने में तमाम पार्टियां रोड़ा भी अटकाती रही हैं। गुजरात विधानसभा में भी यह दिखता है, फिलहाल यहां सिर्फ 13 यानी 8 फीसद ही महिला विधायक हैं।
ये 15 सीटें हैं खाली
गुजरात विधानसभा की 182 में 15 सीटें इस समय खाली हैं।
इन 15 सीटों के नाम हैं - सिद्धपुर, वीजापुर, बायद, मंसा, विरामगाम, साणंद, नारनपुरा, जसदान, जामनगर ग्रामीण, जामनगर नॉर्थ, थासरा, कपाडवंज, बालासिनोर, गोधरा, वंसडा।
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