सौराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी नर्मदा जल से सींच रही सियासी फसल
परियोजना से जुड़े अश्विन भाई ने बताया कि इस योजना के तहत सरदार सरोवर बांध के अतिरिक्त पानी से क्षेत्र के 115 बांधों को भरा जाएगा।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, राजकोट। नर्मदा का पानी गांव-गांव पहुंचा तो पाटीदार आंदोलन की आग तो ठंडी हुई ही, भाजपा अब वहां अपनी चुनाव की सियासी फसल उगाने में जुटी है। नर्मदा की साउनी परियोजना सूखा प्रभावित सौराष्ट्र के लिए काफी अहम है। इससे सौराष्ट्र के ११ सूखा प्रभावित जिलों को पानी की आपूर्ति होनी है, जिसके पहले चरण का पानी गांवों तक पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों का बहुत भरोसा है।
परियोजना से जुड़े अश्विन भाई ने बताया कि इस योजना के तहत सरदार सरोवर बांध के अतिरिक्त पानी से क्षेत्र के 115 बांधों को भरा जाएगा। पहले चरण के चालू होने के साथ ही 10 बांधों को नर्मदा के पानी भर दिया गया है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले ही पानी के लिए तरसते क्षेत्र की खेती लहलहाने लगी है। धान जैसी फसल खेतों में लहलहा उठी। किसान जहां फसल की कटाई में जुटा है, वहं सत्तारु़ढ़ भाजपा अपनी सियास फसल काटने में मशगूल है। उसे यहां के किसानों से बड़ी उम्मीद है। हर खेत तक पानी पहुंचाने की प्रधानमंत्री की ‘प्रति बूंद अधिक पैदावार’ (पर ड्राप मोर क्राप) की घोषणा फलीभूत होने लगी है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजू भाई ध्रुव का कहना है कि सौराष्ट्र में पिछली बार 54 में से 38 सीटों पर भाजपा को सफलता थी, जिसमें इस बार इजाफा होगा।
इस बारे में गुजराती साहित्यकार व राजनीतिक विश्लेषक राज वसावड़ा ने बताया ‘इस क्षेत्र में छोटे किसानों की संख्या अधिक है, जिसमें ज्यादातर पाटीदार हैं। आंदोलन की शुरुआत यहां से हुई थी, लेकिन गांव-गांव व खेत-खेत पानी पहुंच जाने से जमींदार बहुत खुश हैं। नरेंद्र भाई मोदी में उनका भरोसा और पक्का व मजबूत हुआ है, जिसका लाभ भाजपा को चुनाव में हो सकता है। मोदी की अपील पर लोगों का मलाल खत्म हो सकता है।’
सिंचाई के साथ यहां पेयजल की किल्लत झेलने वाले राजकोट, जामनगर और मोरबी के बांधों और जलाशयों में नर्मदा का पानी पहुंच गया है। 12 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले चालू कर राजनैतिक चुनावी बढ़त हासिल कर ली है।
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पहले चरण की शुरुआत करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, “एक समय कच्छ के लोगों को पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन अब नर्मदा परियोजना की वजह से उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा.” पानी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि देश के किसी भी हिस्से में अगर किसान को पानी मिल जाये तो वह बहुत कुछ करके दिखा सकता है.
सौराष्ट्र की तस्वीर बदल देने वाली साऊनी परियोजना से औसत से कम वर्षा वाले सौराष्ट्र में पानी की समस्या को समाप्त कर देगी। इसे संभव बनाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई को बढा़ने वाला फैसला है। शिवेंद्र भाई जडेजा का कहना है ‘नरेंद्र भाई मोदी ने सौराष्ट्र को ‘पानीदार’ बना दिया। क्षत्रियों की यह धरती उनका यह एहसान कैसे भुला सकता है। राजनीतिक तौर पर क्षत्रिय अब तक कहीं और भले ही रहे हों, लेकिन सूखी धरती को हरा भरा करने वाले का साथ इस बार हम जरूर देंगे।’