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गुजरात विधानसभा चुनावः भाजपा-कांग्रेस ने पाटीदारों पर खेला सियासी दांव

गुजरात में दूसरे चरण के चुनाव के लिए कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशियों ने आज 93 सीटों के लिए नामांकन भरा।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 10:42 PM (IST)Updated: Tue, 28 Nov 2017 12:39 PM (IST)
गुजरात विधानसभा चुनावः भाजपा-कांग्रेस ने पाटीदारों पर खेला सियासी दांव
गुजरात विधानसभा चुनावः भाजपा-कांग्रेस ने पाटीदारों पर खेला सियासी दांव

अहमदाबाद। गुजरात चुनाव में कांग्रेस ने पाटीदारों को सबसे अधिक 41 टिकट दिए जबकि भाजपा ने 45 से अधिक सीटों पर ओबीसी पर दांव लगाया है। कांग्रेस भाजपा ने कई सीटों पर अपने पुराने नेताओं को फिर से मैदान में उतारा है। दूसरे चरण में उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल, पूर्व मंत्री जयनारायण व्यास, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्वार्थ पटेल आदि दिग्गज मैदान में हैं।

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गुजरात में दूसरे चरण के चुनाव के लिए कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशियों ने आज 93 सीटों के लिए नामांकन भरा। भाजपा ने रविवार देर रात 34 उम्मीदवारोंं की छठी सूची जारी की जिसमें 12 विधायक रिपीट किए गए, भाजपा ने इस सूची में 17 पाटीदार नेताओं को टिकट दिया है। गुजरात चुनाव से पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन, दलित व ओबीसी आंदोलन के चलते सबकी नजर इस पर थी कि इस चुनाव में इन जातियों को कितनी टिकट मिलती है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का साथ मिलने के बाद कांग्रेस ने इस बार जमकर पाटीदारों को टिकट दिए।

कांग्रेस ने 41 पाटीदारों को जबकि भाजपा ने 36 पाटीदारों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने ओबीसी को 35 के करीब जबकि भाजपा ने ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए 45 से अधिक सीट पर मैदान में उतारा है। इनके अलावा 36 पाटीदार, 28 आदवासी, 13 दलित , 10 क्षत्रिय, 4 ब्राम्हण तथा दस से अधिक महिलाएं भाजपा की सूची में हैं। उधर कांग्रेस ने 21 कोली पटेल, 27 आदिवासी, 13 दलित 11 क्षत्रिय, 6 मुस्लिम व 3 ब्राम्हण, 7 महिला को मैदान में उतारा है।

ओबीसी कांग्रेस के वोट बैंक माना जाता है तथा ओबीसी नेता अल्पेा ठाकोर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। अलपेस खुद राधनपुर सीट से चुनाव लड रहे हैं। यहां उनके विरोध् में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला फंूककर बाहरी होने का आरोप लगाया। उधर मेहसाणा से पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेताओं को टिकट मिलने पर पास संयोजक नरेन्द्र पटेल ने विरोध् जताया है। उन्होंने कहा हार्दिक ने खुद चुनावी राजनीति से दूर रहने को कहा था फिर पास के नेताओं को कांग्रेस से टिकट कैसे मिल गए।

नरेन्द्र पटेल ने भाजपा पर एक करोउ में उन्हें भाजपा में सामिल करने का आरोप लगाते हुए दस लाख रु पेसगी देने का आरोप लगाया था। उधर दलित नेता जिग्नेस मेवानी ने ना ना करते वडगाम से नामांकन भर दिया। दलित समाज के लोगों ने उनके नामांकन पर िवरोध जताया? कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर मेवाणी को समर्थन का ऐलान किया है।


इस चुनाव में दिग्गज नेता शंकरसिंह वाघेला उनके पुत्र महेनद्र सिंह वाघेल चुनाव नहीं लड रहे हैं, अंतिम समय तक महेन्द्र के भाजपा से चुनाव लडने की चर्चा थी, उनके समधी बलवंतसिंह राजपूत भी चुनाव नहीं लड रहे हैं। सिद्वपुर से जयनारायण व्यास ने नामांकन भरा है, उनके अलावा बेचराजी से रजनी कांत पटेल, गांधीनगर दक्षिण से शंभूजी ठाकोर, एलिसब्रिज से राकेश शाह, बापूनगर से जगरुप सिंह, मणीनगर से सुरेश पटेल, साबरमती से अरविंद पटेल, वाघोडिया से मधुश्रीवास्तव को भाजपा ने फिर मैदान में उतारा है।

उधर कांग्रेस ने हार्दिक का केस लडने वाली वकील बी एम मांगुकिआ को ठक्कर बापा नगर अहमदाबाद, पूर्व अध्क्ष सिद्वार्थ पटेल को डभोई से मैदान में उतारा है। जमालपुर खाडिआ सीट पर टिकट नहीं मिलने से साबीर काबलीवाला ने कांग्रेस पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए निर्दलीअ पर्चा भरा।


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