EXCLUSIVE: गुजरात में पहले से भी ज्यादा सीटें जीतेंगे- जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली कांग्रेस के आरोपों को जहां सिरे से खारिज करते हैं वहीं गुजरात की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने पर जोर भी देते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। गुजरात विधानसभा चुनाव का डंका बज चुका है। लोकतंत्र के इस पर्व में राजनीतिक दल अपनी हिस्सेदारी तय करने में जुटे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी जहां पहले ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है तो प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस लोगों के समक्ष सरकार की खामियां उजागर कर रही है।
गुजरात भाजपा के चुनाव प्रभारी व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली कांग्रेस के आरोपों को जहां सिरे से खारिज करते हैं वहीं गुजरात की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने पर जोर भी देते हैं। उनका कहना है कि गुजरात को जातीय समीकरण से बहुत नुकसान हो चुका है। अब वह कांग्रेस की इस चाल में नहीं फंसेगा। इन्हीं सब मुद्दों पर राष्ट्रीय ब्यूरो के उपप्रमुख सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने अरुण जेटली से बातचीत की..
सवाल: गुजरात चुनाव में जनता से जुड़े मुद्दे क्या हैं? कांग्रेस नित नए मुद्दे उठा रही है। भाजपा का जवाब देने का तरीका क्या होगा?
जवाब: चुनाव में पहले तो कांग्रेस विकास विरोधी चुनाव अभियान चला रही थी। उसके नेता विकास को न जाने क्या-क्या बोल रहे थे। लेकिन मामला उलटा पड़ता देख अब उन्होंने अपनी रणनीति बदल ली है। अब जातीय समीकरण साधने में जुट गए हैं। गुजरात एक विकसित प्रदेश है यहां लोगों ने पिछले 20-22 वषरें में 1980 में शुरू किए गए जातीय समीकरण से मुक्ति पा ली है। विकास की नई यात्रा तय कर ली है। इस जातीय समीकरण से गुजरात का बहुत नुकसान हुआ था। अब यह राज्य फिर उस रास्ते पर कभी नहीं जाएगा।
सवाल: गुजरात विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के साथ कई और आंदोलनकारी संगठन जुड़े गए हैं। भाजपा के पास उसका क्या जवाब है?
जवाब: देखिए, ये अराजकतावादी तत्व हैं। उनका प्रशासन और सुशासन से कोई मतलब नहीं है और न ही उनका इससे कोई लेना-देना है। स्थिर प्रशासन दे पाने की इनकी क्षमता नहीं है। गुजरात का जो राजनीतिक स्वरूप है, ये लोग उसके विपरीत हैं।
सवाल: राज्य की सत्ता में 22 साल बहुत होते हैं। चुनाव में एंटी इंकमबेंसी प्रभाव से पार्टी कैसे निपट रही है?
जवाब: सत्ताविरोधी प्रभाव नहीं है, यानी यहां एंटी इंकमबेंसी नहीं है। एंटी इंकमबेंसी वहां होती है, जहां विकास नहीं हुआ होता है। गुजरात ने तो भाजपा के शासनकाल में विकास की नित नई ऊंचाई छू ली है। इसलिए इस बारे में हम निश्चिंत हैं।
सवाल: यह राज्य व्यापारियों व उद्योग धंधों का है। जीएसटी को लेकर व्यापारी बहुत परेशान हैं। कुछ जगहों पर नाराजगी भी है। उन्हें कैसे मनाएंगे?
जवाब: जीएसटी को लेकर मेरी सूरत में सभी व्यापारियों से बातचीत हुई है। सबने भाजपा को पूर्णरूप से समर्थन देने का वादा किया है। देखिए जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाया जा चुका है। जो चुनौतियां थीं, उनमें सुधार किया जा चुका है। कुछ प्रक्रियागत मुद्दे हैं जो व्यापारियों की ओर से रखे गए हैं। हम उन्हें सुलझाएंगे।
सवाल: कांग्रेस के पक्ष में इसाई मिशनरी बिशप की अपील पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: राजनीति में धार्मिक नेताओं से अपील कराना गलत है। कांग्रेस ने जिस तरह से चुनाव में बिशप का इस्तेमाल किया है। वह राजनीतिक व कानूनी दोनों दृष्टि से गलत है।
सवाल: राहुल ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राफेल सौदे पर सवाल उठाए हैं?
जवाब: ढाई साल बाद उन्हें यह सौदा याद आया। यह डील देशहित में थी। हमारी सेना और एयरफोर्स की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास था। यह सौदा दो सरकारों के बीच चर्चा के बाद हुआ है। ऐन चुनाव के वक्त उन्हें यह याद आया। यह झूठा प्रचार है।
सवाल: राज्य विधानसभा चुनाव में तीन बड़े मुद्दे पाटीदार आंदोलन, जीएसटी और नोटबंदी हैं?
जवाब: केवल एक मुद्दा है। गुजरात में विकास करने के लिए अच्छा शासन रहे। जो विकास यात्रा चल रही है वह कायम रहे। सवाल यह है 'गुजरात विकास की यात्रा पर चलेगा या अराजक या जातीय समीकरण पर चलेगा।' गुजरात को किसी तरह बंटने नहीं दिया जाएगा। चुनाव में बाकी कोई मुद्दा नहीं है।
सवाल: राहुल मंदिर-मंदिर जा रहे हैं? इसे आप किस तरह देख रहे हैं?
जवाब: यह बहुत अच्छी बात है। लोकतंत्र की मजबूती है कि इस देश की सभ्यता व संस्कृति उन्हें इस ओर खींच रही है। आज तक तो वह (कांग्रेस) इस प्रकार के कामों से दूर रहती थी।
सवाल: चुनाव में कुल कितनी सीटें आएंगी?
जवाब: पहले की तुलना में ज्यादा सीटें हमें मिलेंगी। बड़ी मात्रा में सीटें आएंगी। भाजपा जीतेगी और पहले की तुलना में अधिक सीटें मिलेंगी।
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