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Sikkim Assembly elections Result: सिक्किम में किसके सिर सजेगा मुख्‍यमंत्री का ताज? नई सरकार के लिए टिक-टिक शुरू; 2 जून को आएगा परिणाम

Sikkim Assembly elections 2024 Result Update सिक्किम की 10वीं विधानसभा का कार्यकाल आगामी 2 जून 2024 को पूरा होने जा रहा है। उसी दिन यानी 2 जून को ही सिक्किम विधानभा का चुनाव परिणाम भी आएगा। इसे लेकर अभी से ही लोगों के बीच खासी चर्चा है कि सिक्किम का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? जानिए क्या है राज्य का सियासी समीकरण...

By Irfan E Azam Edited By: Sachin Pandey Tue, 28 May 2024 06:27 PM (IST)
Sikkim Assembly elections Result: सिक्किम में किसके सिर सजेगा मुख्‍यमंत्री का ताज? नई सरकार के लिए टिक-टिक शुरू; 2 जून को आएगा परिणाम
Sikkim Assembly elections 2024: सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग एवं पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग (बाएं से दाएं)

इरफान-ए-आजम, सिलीगुड़ी। हिमालय पर्वतमाला की गोद में बसे, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, भारत में सबसे कम जनसंख्या वाले और देश के दूसरे सबसे छोटे राज्य सिक्किम में नई सरकार का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। गत 3 जून 2019 को शुरू हुई सिक्किम की 10वीं विधानसभा का कार्यकाल आगामी 2 जून 2024 को पूरा होने जा रहा है।

उसी दिन मतगणना संग सिक्किम की 11वीं विधानसभा का जनादेश आ जाएगा। इसे लेकर अभी से ही लोगों के बीच खासी चर्चा है कि, सिक्किम का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? वर्तमान में सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के मुखिया और सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग (गोले) ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे? या, पूर्व में सत्तारूढ़ रहे सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के मुखिया व सिक्किम में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे?

राजनीतिक दलों की धड़कनें तेज

क्या होगा? यह तो वक्त ही बताएगा और वह वक्त अब महज पांच दिन ही दूर है। ऐसे में सिक्किमवासियों विशेष कर वहां के राजनीतिक दलों के लोगों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग (गोले), उनके पूर्ववर्ती पवन कुमार चामलिंग, भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान और हाम्रो सिक्किम पार्टी (एचएसपी) के कार्यकारी अध्यक्ष बाइचुंग भूटिया, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग (गोले) की पत्नी कृष्णा कुमारी राई, पवन कुमार चामलिंग के छोटे भाई रूप नारायण चामलिंग विधानसभा चुनाव में प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं। प्रेम सिंह तामंग (गोले) और पवन कुमार चामलिंग दो-दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़े हैं। विधानसभा की कुल 32 सीटों के लिए विभिन्न दलों के कुल 146 उम्मीदवार अपने भाग्य के जनादेश के इंतजार में हैं।

सवा महीने पहले हो चुका है मतदान

सिक्किम विधानसभा चुनाव-2024 का मतदान सवा महीने पहले ही हो चुका है। लोकसभा चुनाव-2024 के पहले चरण के मतदान के दिन ही यानी 19 अप्रैल 2024 को ही सिक्किम एकमात्र लोकसभा सीट के साथ ही साथ विधानसभा की सभी 32 सीटों के लिए भी मतदान हुए थे। सिक्किम विधानसभा चुनाव-2024 का मतदान प्रतिशत बेहतर 79.88 रहा। अब विधानसभा चुनाव की मतगणना आगामी 2 जून को और लोकसभा चुनाव की मतगणना आगामी 4 जून को होगी।

कौन होगा विजेता

सिक्किम में वर्तमान में सत्तारूढ़ प्रेम सिंह तामंग (गोले)के नेतृत्व वाला सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) फिर से सिक्किम विधानसभा चुनाव-2024 में भी विजेता बनने का दावा कर रहा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाला सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) का लक्ष्य भी राज्य सरकार पर फिर से नियंत्रण हासिल करना है। अब क्या होगा? यह तो पांच दिनों बाद ही आने वाला 2 जून 2024 बताएगा।

सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे चामिलंग

पवन कुमार चामलिंग सिक्किम के सबसे लंबे समय तक, कुल 24 साल 5 महीने 15 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे। वह 12 दिसंबर 1994 से 26 मई 2019 तक लगातार सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने भारत के किसी राज्य में सबसे लंबे समय तक (23 साल 4 महीने 17 दिन) मुख्यमंत्री बने रहने वाले ज्योति बसु (पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री) का रिकॉर्ड तोड़ा। हालांकि, अब उनका रिकार्ड तोड़ने की ओर ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अग्रसर हैं। वह 5 मार्च 2000 से अब तक लगातार ओडीशा के मुख्यमंत्री हैं।

2019 में सत्तारूढ़ हुआ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा

सिक्किम में लगातार 24 वर्षों से भी अधिक समय से सत्तारूढ़ रहे पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) को सत्ता से बेदखल कर प्रेम सिंह तामंग (गोले) के नेतृत्व वाला सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) 2019 में पहली बार सिक्किम में सत्तारूढ़ हुआ। सिक्किम विधानसभा चुनाव-2019 में तत्कालीन सत्तारूढ़ एसडीएफ को कुल 32 में से 15 सीटें मिली थीं।

वहीं, तत्कालीन विपक्षी एसकेएम 17 सीटें पा कर सत्तारूढ़ हुआ था। उससे पहले सिक्किम विधानसभा चुनाव-2014 में सत्तारूढ़ एसडीएफ 32 में 22 सीटें पा कर पुन: सत्तारूढ़ हुआ था जबकि 10 सीटें पा कर एसकेएम को विपक्ष में रहना पड़ा था। इन सबसे पूर्व सिक्किम विधानसभा चुनाव-2009 में सभी 32 की 32 सीटों पर तत्कालीन सत्तारूढ़ एसडीएफ ही विजयी हुआ था।

सिक्किम में नहीं गलती राष्ट्रीय दलों की दाल

पहाड़ी राज्य सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने 1979 के बाद से अब तक सभी विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय दलों को ही सत्ता सौंपी है। सिक्किम के लेाग अपनी क्षेत्रीयता के प्रति बहुत ही प्रबल भावना रखते हैं। यही कारण है कि राज्य की सत्ता में वे राष्ट्रीय दलों के प्रति सतर्क रहते हैं।

यहां राष्ट्रीय दलों की दाल नहीं गलती है। लोकसभा चुनाव में भले गल जाए लेकिन विधानसभा चुनावों में एकदम नहीं गलती है। हालांकि, बीते 2019 के विधानसभा चुनाव में एसकेएम संग गठबंधन के चलते भाजपा की कुछ दाल गली थी। लेकिन, वर्तमान विधानसभा चुनाव 2024 में एसकेएम व भाजपा का गठबंधन नहीं हो पाया।

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सिक्किम : कल, आज और कल

सिक्किम, जनसंख्या के आधार पर देश में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है। 2011 की जनगणना के अनुसार इस राज्य की जनसंख्या मात्र 6,10,577 है। वहीं, मतदाताओं की संख्या लगभग 4.64 लाख है। यहां विधानसभा की 32 सीटे हैं, जबकि लोकसभा की एक ही सीट है। इसकी राजधानी गंगटोक शहर है।

सिक्किम, क्षेत्रफल के आधार पर गोवा के बाद देश का दूसरा सबसे छोटा राज्य है। अपने छोटे आकार के बावजूद, सिक्किम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे होने के कारण अपनी रणनीतिक स्थिति के चलते भारत की संप्रभुता व राजनीतिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक स्वतंत्र राजशाही रहा सिक्किम विलय द्वारा 16 मई 1975 को भारतीय संघ में शामिल हो इसका 22वां राज्य बना।

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