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एलडीसीए में पदों को लेकर मामला गर्माया, डीसी के पास पहुंचे पूर्व खिलाड़ी

लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (एलडीसीए) को लेकर पूर्व रणजी खिलाड़ियों ने आवाज बुलंद की है।

By Edited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 09:51 PM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 03:01 PM (IST)
एलडीसीए में पदों को लेकर मामला गर्माया, डीसी के पास पहुंचे पूर्व खिलाड़ी
एलडीसीए में पदों को लेकर मामला गर्माया, डीसी के पास पहुंचे पूर्व खिलाड़ी
संस, लुधियाना लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (एलडीसीए) को लेकर पूर्व रणजी खिलाड़ियों ने आवाज बुलंद की है। उनका कहना है एलडीसीए अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नजर अंदाज करने में जुटे हुए हैं। मामला एलडीसीए पद को लेकर है। वहीं दूसरी ओर एसोसिएशन अधिकारियों का कहना है सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय देगा, सर्वमान्य होगा। इस संबंध में शुक्रवार को फ्रैंड्स रिजेंसी में पूर्व रणजी खिलाड़ी व कोचों की मीटिंग हुई। मीटिंग की अगुवाई बीसीसीआइ अंपायर डॉ एमएस माहल, पूर्व अंडर-22 पंजाब कप्तान इंद्रजीत सिंह मल्ली व अमर बीर सिंह, रणजी खिलाड़ी कर्ण गोयल शामिल हुए। डॉ माहल ने आरोप लगाया लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के पद पर जो महासचिव व अन्य पदाधिकारी बैठे हैं वे अवैध रूप से इन पदों पर कब्जा जमाये हुए हैं। जबकि गत डेढ़ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेशों में कहा था कि एक पद पर 9 वर्ष लगातार तक कोई अधिकारी नहीं बना रह सकता है, वह भी 3-3 साल की टर्म में पद पर रह सकता है, लेकिन काफी समय से इसका उल्लघंन किया जा रहा है। वर्ष 2002-03 के बाद लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव तक नहीं हुए। पुराने अधिकारी ही इस पद पर काबिज हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व खिलाड़ियों ने डीसी प्रदीप अग्रवाल को मेमोरेंडम भी सौंपा। इसमें साफ बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार बनी जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत एसोसिएशन में पूर्व रणजी खिलाड़ियों व कोचेस को शामिल किया जाए। एलडीसीए के चयन में खिलाड़ी व कोच हों शामिल इंद्रजीत सिंह ने कहा कि लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के जल्द से जल्द निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए। इस चुनाव में कोई बाहरी पर्सन नहीं, बल्कि खिलाड़ियों व कोचों को हिस्सा लेना चाहिए, ताकि खेल व खिलाड़ियों के स्तर को सुधार एवं पारदर्शिता लाई जा सके। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं होनी चाहिये। उल्टा एलडीसीए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कानूनी सलाह लेकर इन पर मानहानि का केस ठोकने का विचार करेगी। विनोद चितकारा, महासचिव एलडीसीए

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