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Delhi Assembly Election 2020: सिसोदिया को चुनौती देने को भाजपा के सूरमाओं ने ठोकी ताल

Delhi Assembly Election 2020 भाजपा को ऐसे प्रत्याशी की तलाश है जो न सिर्फ सिसोदिया को टक्कर दे सके बल्कि उन्हें गढ़ में ही घेरने की रणनीति को भी अमलीजामा पहना सके।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 09:48 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 09:48 AM (IST)
Delhi Assembly Election 2020: सिसोदिया को चुनौती देने को भाजपा के सूरमाओं ने ठोकी ताल
Delhi Assembly Election 2020: सिसोदिया को चुनौती देने को भाजपा के सूरमाओं ने ठोकी ताल

नई दिल्ली [सुधीर कुमार]। Delhi Assembly Election 2020: पूर्वी दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण सीट पटपड़गंज से विधायक और दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को चुनौती देने के लिए भाजपा के कई दिग्गज इस सीट से ताल ठोक रहे हैं। इनमें टिकट पाने के लिए घमासान मचा हुआ है। यह अलग बात है कि भाजपा को ऐसे प्रत्याशी की तलाश है, जो न सिर्फ सिसोदिया को टक्कर दे सके, बल्कि उन्हें गढ़ में ही घेरने की रणनीति को भी अमलीजामा पहना सके। पिछली बार भाजपा ने आप के तत्कालीन बागी विधायक विनोद कुमार बिन्नी को सिसोदिया के खिलाफ मैदान में उतारा था। लेकिन, वह चुनौती तो दूर सिसोदिया का मत प्रतिशत बढ़ने से भी नहीं रोक सके थे।

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दरअसल पटपड़गंज विधानसभा सीट को पूर्वाचल और उत्तराखंड बाहुल्य माना जाता है। लेकिन, यहां से कभी भी इन दोनों ही क्षेत्रों के नेताओं को टिकट नहीं मिला। जब 2008 में पटपड़गंज का करीब आधा इलाका मंडावली विधानसभा क्षेत्र में आता था, तब जरूर वीरेंद्र जुयाल को टिकट मिला था और मंडावली से ही मुरारी सिंह पंवार भी भाजपा से विधायक बने थे। लेकिन, 2008 में हुए परिसीमन के बाद पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र का स्वरूप बदल गया। पहले जहां यह सुरक्षित सीट थीं, वहीं अब सामान्य है।

1993 के बाद भाजपा को नहीं मिली यहां से जीत

विधानसभा सीट गठन के बाद 1993 में हुए चुनाव में यहां से भाजपा के ज्ञानचंद ने जीत हासिल की थी। इसके बाद भाजपा को इस सीट से कभी जीत हासिल नहीं हुई। जहां कांग्रेस से अमरीश सिंह गौतम ने दो बार जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस नेता अनिल कुमार भी यहां से विधायक बने। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं।

सिसोदिया को चुनौती के लिए दावेदारों की लंबी कतार

हालांकि, भाजपा की तरफ से सिसोदिया को चुनौती देने का दावा करने वालों की सूची लंबी है। इसमें मजबूत दावेदारों में भाजपा के मयूर विहार जिलाध्यक्ष डॉ. धीरज जोशी ललित, पूर्वाचल मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष सिंह और पूर्व महापौर बिपिन बिहारी सिंह का नाम लिया जा रहा है। हालांकि, दो बार यहां से विधायक का चुनाव लड़ चुके नकुल भारद्वाज, पूर्व पार्षद सत्या जोशी और रवि नेगी का भी इस सीट पर जबरदस्त दावा है। इस सीट को लेकर उत्तराखंड और पूर्वाचल के नेताओं के अपने-अपने दावे हैं। दोनों की ही दलील है कि उनकी संख्या 42 से 43 प्रतिशत है, जबकि दूसरे की संख्या 20 से 22 प्रतिशत है।

ये नेता भी कर रहे दावेदारी

यहां के प्रमुख दावेदारों में बिपिन बिहारी सिंह पूर्वी दिल्ली के महापौर रहे हैं और पटपड़गंज वार्ड से पार्षद हैं। मनीष सिंह खुद को प्रमुख दावेदार बता रहे हैं, उनका कहना है कि उन्हें उत्तराखंड और पूर्वाचल दोनों का समर्थन मिलेगा। क्योंकि उत्तराखंड से जहां उनकी पत्नी मीनाक्षी जुयाल हैं, वहीं वह खुद पूर्वाचल से हैं। मनीष सिंह ने भारतीय वायुसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों से वह विधानसभा क्षेत्र में लगातर सक्रिय हैं। विशेष बात यह है कि दोनों ही प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के करीबी बताए जाते हैं। डॉ. धीरज जोशी ललित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं।

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