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Shaheen Bagh Protest: शाहीन बाग के जरिये ध्रुवीकरण की कोशिश में पार्टियां

एक तरफ दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं तो दूसरी तरफ सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन चल रहा है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 09:22 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 09:30 AM (IST)
Shaheen Bagh Protest: शाहीन बाग के जरिये ध्रुवीकरण की कोशिश में पार्टियां

नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। एक तरफ दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं तो दूसरी तरफ सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन चल रहा है। दोनों ही घटनाएं आपस में खासा मेल खा रही हैं। लेकिन, इसमें एक सवाल यह खड़ा हो गया है कि शाहीन बाग से इस चुनावी माहौल में फायदा किसे होगा? दिल्ली में तीन पार्टियां आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस मुख्य रूप से चुनावी मैदान में है। तीनों ही पार्टियां शाहीन बाग के रास्ते पूरी दिल्ली में फायदा उठाने की कोशिश में हैं।

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इसमें संदेह नहीं कि इस समय दिल्ली का मुस्लिम समुदाय एक बड़ा वोट बैंक बन चुका है। देखना दिलचस्प होगा कि यहां वोटों का ध्रुवीकरण कितना होता है। फिलहाल मुस्लिमों के इस वोट बैंक को आप, कांग्रेस और भाजपा तीनों ही अपने-अपने पाले में करने की कोशिश में लगे हैं। तीनों ही पार्टियों की इसे लेकर अपनी-अपनी रणनीति है। हालांकि, आप और कांग्रेस जहां सीएए और एनआरसी के मुददे पर मुस्लिम वोट बैंक पर नजर टिकाए हैं। वहीं भाजपा भी तीन तलाक के जरिये मुस्लिम महिलाओं से समर्थन की उम्मीद लगाए है।

हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि मुस्लिम मतदाता उनके साथ हैं। इसके लिए पार्टी लोकसभा चुनाव 2019 का तर्क दे रही है, जिसमें कांग्रेस तीसरे से दूसरे स्थान पर पहुंच गई थी। ऐसे में पार्टी का दावा है कि मुस्लिम मतदाता पार्टी के साथ वापस जुड़ गए हैं और अब दिल्ली का मुसलमान कांग्रेस के साथ है। माना जा रहा है कि इसी वजह से कांग्रेस सीएए और एनआरसी के विरोध में उनके साथ खड़ी है। प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा लगातार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में बयान देते रहे हैं और जामिया के बहुत से छात्रों की मदद भी कर चुके हैं। कांग्रेस को लगता है कि मुसलमानों के दम पर ही कांग्रेस को सीटें मिलेंगी।

वैसे भी दिल्ली में छह सीटें मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हैं, जहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद है। दूसरी तरफ आप का दावा है कि लोकसभा चुनाव में भले ही मुसलमानों ने कांग्रेस को वोट किया हो, लेकिन विधानसभा में वे केजरीवाल के साथ हैं। अब देखना यही है कि दिल्ली का मुसलमान किसके साथ जाता है, या फिर वोटों का ध्रुवीकरण होगा! मुस्लिम मतों पर है तीनों दलों की नजर, सबके अपने-अपने दावे, शाहीन बाग के प्रदर्शन का पूरी दिल्ली में असर पड़ने की उम्मीद है।


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