Delhi Assembly Election 2020: जानें मोतीनगर सीट के बारे में जहां बीस सालों तक रहा भाजपा का वर्चस्व
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को वोटिंग होगी और 11 को मतगणना के बाद परिणाम आएगा। मोतीनगर से वर्तमान विधायक शिव चरण गोयल की किस्मत का फैसला होना है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। वर्ष 1972 में गठित मोती नगर विधानसभा सीट नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। मेट्रो लाइन से जुड़ा मोतीनगर इलाका पंजाबी बाग से सटा हुआ है। पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी-सिख बहुल इलाकों में मोती नगर को गिना जाता है। भाजपा के मदन लाल खुराना को इस सीट पर सबसे अधिक चुना गया और वे चार बार यहां से विधायक रहे। उनके बाद भाजपा के सुभाष सचदेवा यहां से तीन बार विधायक बने। अभी यहां से आम आदमी पार्टी के शिव चरण गोयल विधायक हैं।
नहीं हैं अनाधिकृत कालोनियां
इस इलाके में बड़े पैमाने पर अस्पताल और जनरल स्टोर्स के अलावा यहां की चर्चित मोतीनगर मार्केट भी है। यहां के प्रमुख इलाकों में पूर्वी पंजाबी बाग, कीर्ति नगर और मानसरोवर गार्डन हैं। इन पॉश इलाकों के साथ यहां एक भी अनधिकृत कॉलोनी नहीं है। यहां जखीरा और कीर्ति नगर है, जो फर्नीचर का बड़ा मार्केट है। इसके अलावा कुछ झुग्गी बस्तियां भी हैं।
भाजपा का गढ़ रहा है मोतीनगर
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले मोती नगर सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती थी। इस सीट पर भाजपा ने लगातार सात चुनावों में जीत हासिल की। यहां लगातार बीस सालों तक भाजपा का कब्जा रहा। 2015 में यह सीट आम आदमी पार्टी के हाथ में चली गई। आप उम्मीदवार शिवचरण गोयल ने भाजपा के सुभाष सचदेवा को 15,221 वोटों से हरा दिया। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक मोतीनगर से पहले विधायक कांग्रेस के केसी मलिक थे। उन्होंने भारतीय जनसंघ के नेता तिलकराज वर्मा को हराया था।
प्रमुख मुद्दे
- पार्किंग की समस्या
- अहम समस्या है ट्रैफिक जाम
- नशे का इस्तेमाल
- गंदे पानी की सप्लाई
- स्वच्छता
- सुरक्षा