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Delhi polls 2020 : चुनाव पूर्व जीत को लेकर किए गए पार्टियों के दावे कितने सही कितने गलत

दिल्ली चुनाव की मतगणना के रुझानों में आम आदमी पार्टी दोबारा सत्ता मिलती नजर आ रही है। आइये करते हैं पड़ताल चुनाव पूर्व जीत को लेकर किए गए पार्टियों के दावे कितने खरे उतरे...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 05:02 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 05:16 PM (IST)
Delhi polls 2020 : चुनाव पूर्व जीत को लेकर किए गए पार्टियों के दावे कितने सही कितने गलत
Delhi polls 2020 : चुनाव पूर्व जीत को लेकर किए गए पार्टियों के दावे कितने सही कितने गलत

नई दिल्‍ली, डिजिटल डेस्‍क। दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझानों से साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी दोबारा सत्ता हासिल करने जा रही है। भाजपा दूसरे स्‍थान पर नजर आ रही है जबकि कांग्रेस दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। हालांकि चुनावी कैंपेन के दौरान पार्टियों ने बड़े बड़े दावे किए थे। आइये करते हैं इस बात की पड़ताल कि चुनाव नतीजों में पार्टियों के दावे कितने खरे उतरे...

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चुनाव खत्‍म होने के बाद आठ फरवरी को एक्जिट पोल्‍स में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया जताया गया था जिस पर भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष मनोज तिवारी ने दावा किया था कि सारे अनुमान ध्‍वस्‍त होंगे भाजपा को 50 सीटें मिलेंगी। मनोज तिवारी ने लिखा था, ‘ये सभी एग्जिट पोल होंगे फेल, मेरा यह ट्वीट संभाल कर रखिएगा। भाजपा दिल्ली में 48 सीटें लेकर सरकार बनाएगी, कृपया ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूंढें...’

मनोज तिवारी के अलावा प्रवेश वर्मा ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया था। उन्‍होंने तो किसे कितनी सीटें मिलेंगी उसकी संख्या तक बता दी थी। प्रवेश सिंह वर्मा ने ट्वीट कर कहा था कि 11 तारीख को चुनाव नतीजे... भाजपा- 50, आप- 16, कांग्रेस- 4... धन्‍यवाद दिल्‍ली। चुनावी कैंपेन के दौरान प्रवेश वर्मा ने विवादित बयान भी दिए थे जिसके चलते निर्वाचन आयोग ने उन पर बैन लगा दिया था।

अब पड़ताल करें तो पाते हैं कि भाजपा के इन नेताओं के दावें ठीक उल्‍टा साबित हुए। चुनाव नतीजों में आप बहुमत के आंकड़े से काफी आगे है जबकि भाजपा दूसरे स्‍थान पर सम्‍मान जनक सीटों के लिए जूझती नजर आ रही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तो जैसे नतीजों से पहले ही हार मान ली थी। उन्‍होंने कहा था... इस चुनाव में भाजपा ने सांप्रदायिक एजेंडा चलाने की हर कोशिश की। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने विकास के मुद्दों को आगे रखा। यदि वह जीतते हैं तो यह विकास की जीत होगी...

नतीजों से साफ हो गया है कि कांग्रेस इस चुनावी लड़ाई में कहीं नहीं नजर आई है। कांग्रेस के अधिकांश उम्‍मीदवारों की जमानत तक जब्‍त होने की ओर है। शायद कांग्रेस को इस बात का आभास भी पहले ही हो गया था। अन्‍यथा उसके जिम्‍मेदार नेता ऐसे बयान नहीं देते। कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस ने आप के लिए पूरा सियासी मैदान खाली छोड़ दिया था। उक्‍त कयास पर अधीर रंजन चौधरी का यह बयान मुहर लगाता नजर आ रहा है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सभी जानते थे कि आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता में वापसी करेगी। कांग्रेस की हार से अच्छा संदेश नहीं जाएगा। भाजपा और उसके सांप्रदायिक एजेंडे के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जीत महत्वपूर्ण है। वहीं भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा है कि हम हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। हालांकि उन्‍होंने यह भी दावा किया कि इस चुनाव में भाजपा का वोट परसेंटेज बढ़ा है।


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