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केंद्र की राह पर दिल्ली सरकार, भ्रष्ट अफसरों को मिलेगी जबरन सेवानिवृत्त

तीन माह बीतने के बाद भी ज्यादातर विभागों में इन निर्देशों के आधार पर भ्रष्ट अफसरों के नाम तय नहीं किए गए हैं। हालांकि मुख्य सचिव विजय देव ने इसके लिए अधिकारियों को डांट भी लगाई थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 07:54 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 08:38 AM (IST)
केंद्र की राह पर दिल्ली सरकार, भ्रष्ट अफसरों को मिलेगी जबरन सेवानिवृत्त
केंद्र की राह पर दिल्ली सरकार, भ्रष्ट अफसरों को मिलेगी जबरन सेवानिवृत्त

नई दिल्ली ( वीके शुक्ला)। केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार ने भी भ्रष्ट अफसरों को जबरन सेवानिवृत्त करने की घोषणा की है। इसके लिए सभी विभागों को नाकारा और भ्रष्ट अफसरों को तलाशने के निर्देश दिए गए थे। तीन माह बीतने के बाद भी ज्यादातर विभागों में इन निर्देशों के आधार पर भ्रष्ट अफसरों के नाम तय नहीं किए गए हैं। हालांकि रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने को लेकर मुख्य सचिव विजय देव ने पिछले दिनों हुई बैठक में अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई थी और 15 अक्टूबर से पहले रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

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विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों का नाम इस सूची में शामिल होने के करीब पहुंच रहा है, ऐसे लोग विभिन्न माध्यमों से सिफारिश करवा कर अपना नाम सूची में शामिल होने से रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं। वे विभागीय अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें जबरन इस मामले में घसीटा जा रहा है। इसके चलते जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस सूची में जो कर्मचारी आ रहे हैं, वे दिल्ली सरकार के कई विभागों में तैनात रहे हैं। इन सभी विभागों से इन कर्मचारियों का रिकार्ड मंगाया जा रहा है।

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने काम चोर और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने के लिए जून के अंत में बैठक की थी। चार जुलाई को उन्होंने इस बारे में दिल्ली सरकार व अन्य एजेंसियों को आदेश जारी कर दिए थे। इसके तहत इस प्रक्रिया में 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों को शामिल किया गया है। उस समय मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर सभी विभागों को 31 जुलाई से पहले यह रिपोर्ट मांगी थी। दो अगस्त को मुख्य सचिव को इस रिपोर्ट को उपराज्यपाल को सौंपना था। इस सूची में आइएएस और दानिक्स अधिकारी शामिल नहीं हैं।

दिल्ली सरकार में करीब 80 हजार से अधिक अधिकारी पर कर्मचारी कार्यरत हैं। इन पर प्रतिमाह 900 करोड़ रुपये वेतन के रूप में खर्च होते हैं। इसमें से कितने लोग 50 साल से ऊपर हैं और इसमें से कितने लोगों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो सका है। इसके लिए विभागों में कमेटियां बनाई गई हैं, जो उन अधिकारियों की सूची तैयार कर रहे हैं, जिनके खिलाफ पहले से केस है।

मुख्यमंत्री भी जल्द कार्रवाई के दे चुके हैं निर्देश

केंद्र सरकार की तर्ज पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सात जुलाई को अपने सभी कैबिनेट सदस्यों को अपने विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सूची तैयार कराने के निर्देश दिए थे। जिससे उन्हें जबरन सेवानिवृत्त किया जा सके। सेंट्रल सिविल सर्विसेस (पेंशन) रूल्स, 1972 के फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत ऐसे कर्मचारियों को सेवानिवृत्त किया जाएगा।

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