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Delhi Election 2020: कालकाजी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, आप, कांग्रेस और BJP उम्मीदवार में कांटे की टक्कर

Delhi Election 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी सीट पर तीनों प्रमुख पार्टियों में कांटे की टक्कर है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 02:35 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 02:36 PM (IST)
Delhi Election 2020: कालकाजी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, आप, कांग्रेस और BJP उम्मीदवार में कांटे की टक्कर
Delhi Election 2020: कालकाजी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, आप, कांग्रेस और BJP उम्मीदवार में कांटे की टक्कर

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पंजाब की सिख बहुल कालकाजी विधानसभी सीट पर बड़े ही रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट से पर आम आदमी पार्टी ने आतिशी, कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा को टिकट दिया है। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाते हुए पार्षद धर्मवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।

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बता दें कि 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने अवतार सिंह को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। वो जितने में कामयाब भी रहे थे। लेकिन इस बार पार्टी ने उनका पत्ता साफ कर दिया है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान किया जा रहा है और नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को होगी। तीनों पार्टियों के उम्मीदवार दिग्गज हैं। इस वजह से इस सीट पर कांटे की टक्कर है। 

कौन है आतिशी मार्लेना

आतिशी मार्लेना एक भारतीय राजनीतिज्ञ, शिक्षक और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। वह आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य हैं। उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में मुख्य रूप से शिक्षा पर काम किया, जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक, उन्हें दिल्ली के शिक्षा मंत्री के बाद एक अप्रकाशित पद पर रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। मनीष सिसोदिया ने उन्हें दिल्ली के शिक्षा सुधारों के वास्तुकार होने का श्रेय दिया था। 

सुभाष चोपड़ा की छोटी बेटी है शिवानी

वहीं कांग्रेस की प्रत्याशी शिवानी चोपड़ा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की छोटी बेटी है। सुभाष चोपड़ा तीन बार विधायक रह चुके हैं। 

कौन है धर्मवीर सिंह

धर्मवीर सिंह एक भारतीय राजनेता और भिवानी-महेंद्रगढ़ (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र), हरियाणा से 16 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। उन्होंने 2014 के आम चुनाव  जीता था। अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, वह हरियाणा विधानसभा चुनावों में बंसीलाल की 3 पीढ़ियों को हराने के लिए प्रसिद्ध हैं, उन्होंने बंसी लाल को फिर उनके बेटे, सुरेंदर, फिर उनकी पोती (सुरेंदर की बेटी) श्रुति चौधरी को हराया है।

कालकाजी सीट का इतिहास

दिल्ली की 70 विधानसभा क्षेत्रों में कालकाजी प्रमुख सीटों में शामिल है। साउथ दिल्ली का यह क्षेत्र साउथ दिल्‍ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी हिस्‍सा है। प्राचीनकाल से ही ये अस्तित्व में आ गया था। वर्ष 1972 में विधानसभा क्षेत्र बनाया गया था। जब यहां सबसे पहले चुनाव हुए तब कांग्रेस के वीपी सिंह विधायक चुने गए थे। 1972 के बाद 1993 में ये सीट बीजेपी के खाते में गई थी। उसके बाद ये लगातार तीन बार 1998, 2003 और 2008 में कांग्रेस ने इस सीट को अपने नाम किया। फिर 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने कांग्रेस की जीत के सिलसिले पर ब्रैक लगा दिए और भाजपा की हरमीत सिंह ने जीत दर्ज की। 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के अवतार सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 

इस क्षेत्र का विकास मुगलशासक शाह आलम के दूसरे बेटे अकबर शाह के शासनकाल में किया गया था। इसी दौरान यहां मां काली का मंदिर अस्तित्व में आया। ऐसी मान्यता है कि कालकाजी मंदिर में देवी की मूर्ती प्रकट हुई थी। यहां बड़े संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। ये  क्षेत्र मोबाइल, लैपटॉप समेत गैजेट्स का बाजार कहे जाने वाले नेहरू प्‍लेस से जुड़ा हुआ है। 


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