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Delhi Election 2020 : AAP से अलग हुए कपिल मिश्रा की अग्निपरीक्षा, मॉडल टाउन सीट पर कांटे का मुकाबला

दिल्‍ली विधानसभा की मॉडल टाउन सीट भाजपा ने आप से अलग हुए कपिल मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है। कप‍िल ने आप से अलग होने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 02:36 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 02:38 PM (IST)
Delhi Election 2020 : AAP से अलग हुए कपिल मिश्रा की अग्निपरीक्षा, मॉडल टाउन सीट पर कांटे का मुकाबला

नई दिल्‍ली,  जागरण स्‍पेशल । Delhi Election 2020 :दिल्‍ली विधानसभा की मॉडल टाउन सीट आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों के लिए खास है। इस सीट पर भाजपा ने आप से अलग हुए कपिल मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है। कप‍िल ने आप से अलग होने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया। वह आप की सरकार में मंत्री भी रहे और इसके बाद उन्‍होंने केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब मॉडल टाउन की जनता तय करेगी कि वह कपिल के साथ है कि नहीं। 

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आप के लिए बनीं प्रतिष्‍ठा की सीट 

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में मॉडल टाउन सीट (Model Town seat) पर आप का कब्‍जा है। 2015 के विधानसभा चुनाव में आप के अखिलेश पति त्रिपाठी ने बाजी मारी थी। उन्‍होंने भाजपा उम्‍मीदवार विवेक गर्ग को 16 हजार से ज्‍यादा मतों से परास्‍त किया था। लेकिन इस बार भाजपा ने विवेक के जगह तेज तर्रार नेता कपिल को उम्‍मीदवार बनाया है। अब यहां यह देखना दिलचस्‍प होगा कि इस सीट पर कपिल मिश्रा कितना प्रभाव छोड़ पाते हैं।

आप और भाजपा के बीच जोरदार मुकाबाला 

मॉडल टाउन दिल्ली का शहरी विधानसभा क्षेत्र है। यह चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इस सीट पर पहली बार 1977 में विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के महावीर वैद ने कांग्रेस के चमन लाल वर्मा को हराया था। 1993 में इस सीट पर भाजपा के चरती लाल गोयल और 1998 से 2008 तक कांग्रेस के कंवर करन सिंह ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। इस सीट से कांग्रेस ने चार बार चुनाव जीता है। वर्तमान में यहां से आम आप के अखिलेश पति त्रिपाठी विधायक हैं। त्रिपाठी लगातार दूसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में मॉडल टाउन विधानसभा सीट पर आप (AAP) और भाजपा के बीच जोरदार मुकाबाला हो रहा है। 

कपिल मिश्रा

कपिल मिश्रा वर्ष 2015 में पहली बार दिल्ली के करावल नगर विधानसभा से विधायक चुने गए। उन्होंने आप के टिकट पर 44 हजार से ज्यादा मतों के अंतराल से भाजपा के चार बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट को मात दी थी। केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। उन्हें मुख्यमंंत्री अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता था। कपिल मिश्रा को सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद मंत्री पद से हटा दिया गया। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कपिल ने आप के खिलाफ प्रचार किया। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्‍होंने भाजपा का दामन थाम लिया। हाल में वह अपने ट्वीट के कारण सुर्खियों में रहे।  मुख्य चुनाव अधिकारी ने इस पर उनसे सवाल जबाव किया।  


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