Delhi Election 2020: केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के इच्छुक 11 लोगों को झटका, याचिका रद
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश करने वाले 11 उम्मीदवारों की याचिका खारिज कर दी है।
नई दिल्ली,एएनआइ/पीटीआइ। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश करने वाले 11 उम्मीदवारों की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई मेरिट नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने 20 और 21 जनवरी को नामांकन दाखिल करने का प्रयास किया था, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने मना कर दिया। उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाते हुए कहा था कि चुनाव आयोग को उन्हें नामांकन करने दिए जाने के लिए निर्देश दिए जाएं।
इससे पहले तीन फरवरी को कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने इनसे 11 लोगों के याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
एक जज के पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया था
मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने उम्मीदवारों की याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया। इससे पहले एक जज के पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने से पहले इस तरह की याचिकाएं हाईकोर्ट के समक्ष नहीं रखी जा सकती है। रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) ने 21 जनवरी को नामांकन भरने की अंतिम तारीख पर उनके नामांकन को खारिज कर दिया था।
जज ने गलत तरीके से याचिका को नकारा
याचिका में कहा गया था कि जज ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने के लिए गलत तरीके से याचिका को नकार दिया था। उन्होंने केंद्र, चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव अधिकारी से इस दिशा में पूछताछ करने के लिए एक दिशा-निर्देश मांगा था, जिसमें उनके नामांकन खारिज कर दिए गए थे।
20 जनवरी को नामांकन नहीं कर पाए थे केजरीवाल
बता दें कि नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और सीएम अरविंद केजरीवाल 20 जनवरी को नामांकन भरने गए थे, लेकिन समर्थकों की भारी भीड़ के कारण वह उस दिन नामांकन दाखिल नहीं कर सके। इसके बाद वह 21 जनवरी को वह नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे।
याचिका में दलील
बेंच के समक्ष याचिका में दलील दी गई थी कि याचिकाकर्ता अपने विधिवत भरे हुए फॉर्म और जरूरी दस्तावेजों के साथ 20 जनवरी को सुबह-सुबह जामनगर हाउस के चुनाव कार्यालय में पहुंचे थे। कई उम्मीदवार पहले से ही कार्यालय में इंतजार कर रहे थे, इसलिए रिटर्निंग अधिकारी ने उन्हें टोकन जारी किया और उनके संबंधित टोकन नंबरों के आधार पर फॉर्म स्वीकार किए गए और जांच की गई। हालांकि, समय की पाबंदी के कारण, टोकन जारी करने वाले सभी लोगों का नामांकन नहीं हो सका।
केजरीवाल को सीधे अंदर ले जाया गया
याचिका में कहा गया था, रिटर्निंग ऑफिसर ने याचिकाकर्ताओं को अगले दिन आने के लिए कहा। रिटर्निंग अधिकारी ने उन्हें यह भी बताया कि उनके टोकन अगले दिन वैध रहेंगे और उनकी बारी दूसरों से पहले आएगी।याचिकाकर्ता जब अगले दिन चुनाव कार्यालय पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि टोकन के बजाय, आवेदकों के नाम एक शीट पर दर्ज किए जा रहे थे। याचिका में कहा गया है कि एक बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना नामांकन दाखिल करने के लिए जब वहां पहुंचे तो उन्हें सीधे अंदर ले जाया गया।