Delhi Assembly Election Result 2020: केजरीवाल फिर बने बाहुबली, नहीं काम आई भाजपा की रणनीति
Delhi Assembly Election Result 2020 मुख्यमंत्री के ऊपर दो चुनौतियां थीं। उन्हें अपनी सीट जीतनी थी और अपने दल के प्रत्याशियों को जिताने की भी जिम्मेदारी थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा का यह चुनाव मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं था। पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने के लिए दिल्ली भर में रोड शो और जनसभाएं कर केजरीवाल ने दिन रात एक कर दिया। एक तरफ अकेले केजरीवाल थे दूसरी ओर भाजपा की पूरी फौज थी। फिर भी उन्होंने जीत हासिल की है। केजरीवाल स्वयं नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उनकी सीट पर उनकी बेटी हर्षिता ने मोर्चा संभाला और पत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी गली गली जाकर वोट मांगे। केजरीवाल ने प्रचार के अंतिम दो दिनों में अपने विधानसभा क्षेत्र में समय दिया।
मुख्यमंत्री के ऊपर दो चुनौतियां थीं। उन्हें अपनी सीट जीतनी थी और अपने दल के प्रत्याशियों को जिताने की भी जिम्मेदारी थी। हालांकि वह चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने से दो माह पहले से ही विधानसभा स्तर पर जनसभाएं और विभिन्न कार्यक्रमों का उद्घाटन कर चुके थे। एक रणनीति के तहत वह किसी न किसी प्रकार से लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों के लोगों से रूबरू हो चुके थे।
अधिसूचना जारी होने के बाद से छह फरवरी को चुनाव प्रचार समाप्त होने तक उनके रोड शो को मिलाकर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में उन्होंने 45 से 50 कार्यक्रम किए। उधर, उनकी टक्कर में भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में भाजपा के प्रचार की पूरी कमान संभाल रखी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रचार करने उतरे।
प्रधानमंत्री ने दो सभाएं की तो शाह ने बीस से ज्यादा सभाएं कीं। प्रचार करने दिल्ली के मैदान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार करते दिखे। आरएसएस के हजारों प्रचारक, लाखों स्वयंसेवक, भाजपा के तमाम राज्यों के पदाधिकारी भी यहां प्रत्याशियों की मदद करते नजर आए।