Kalkaji Constituency : कालकाजी विधानसभा सीट पर दिलचस्प है मुकाबला
कालकाजी विधानसभा सीट पर इस बार बड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। वर्ष 2015 में कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर अवतार सिंह कालका पहली बार विधायक बने।
नई दिल्ली, जेएनएन। कालकाजी विधानसभा सीट पर इस बार बड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। वर्ष 2015 में कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर अवतार सिंह कालका पहली बार विधायक बने। लेकिेन आम आदमी पार्टी ने वर्तमान विधायक का टिकट काटकर पार्टी की बड़ी नेता आतिशी को चुनाव मैदान में उतारा है। आतिशी के सामने कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने इस सीट पर धर्मबीर सिंह को मैदान में उतारा है। सुभाष चोपड़ा तीन बार कालकाजी सीट से चुनाव जीत चुके हैं।
बता दें कि आतिशी ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से लड़ा था। अब आप ने उन्हें कालकाजी सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया है। साउथ दिल्ली जिले का यह इलाका साउथ दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी हिस्सा है। प्राचीनकाल से अस्तित्व में यह इलाका 1972 में विधानसभा क्षेत्र बनाया गया। यहां के पहले चुनाव में कांग्रेस के वीपी सिंह विधायक चुने गए।
विधायक | अवतार सिंह |
पार्टी | आप |
प्राप्त वोट | 55104 |
पराजित उम्मीदवार | हरमीत सिंह कालका |
पार्टी | बीजेपी |
प्राप्त वोट | 35335 |
हार का अंतर | 19769 |
वोट % | 64.85 |
पुरुष मतदाता | 92072 |
महिला मतदाता | 72236 |
कुल मतदाता | 164319 |
वर्तमान में यहां से आम आदमी पार्टी के अवतार सिंह कालकाजी विधायक हैं। इस सीट पर कांग्रेस ने लगतार 4 बार, जबकि कुल 5 बार जीत हासिल की है। मुगलशासक शाह आलम के दूसरे बेटे अकबर शाह के शासनकाल में इस क्षेत्र का विकास कराया गया। इस दौरान यहां पर मां काली का मंदिर भी अस्तित्व में आया। मान्यता है कि कालकाजी मंदिर में देवी की मूर्ति प्रकट हुई है। ऐसे में यहां पर बड़े पैमाने पर हिंदू भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मेट्रो लाइन से जुड़ा यह क्षेत्र मोबाइल, लैपटॉप समेत गैजेट्स का बाजार कहे जाने वाले नेहरू प्लेस से सटा हुआ बसा है। इस इलाके में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र कमल मंदिर यानी लोटस टैंपल भी बना हुआ है।