Delhi Election 2020: भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता का दावा- किरायेदारों को नहीं मिल रही सस्ती बिजली
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि दिल्ली में किरायेदारों को सस्ती बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2020) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाजी तेज हो रही है। इस क्रम में भाजपा ने मुख्यमंत्री किरायेदार बिजली मीटर योजना को चुनावी घोषणा बताया है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि किरायेदारों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा लोगों को गुमराह करने वाला है। दिल्ली सरकार की इस योजना का लाभ किरायेदारों को नहीं मिल रहा है।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में लगभग 50 लाख लोग किराये के मकान में रहते हैं, परंतु दस दिनों में मात्र 100 लोगों ने ही इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है। इसका मुख्य कारण दिल्ली सरकार की इस योजना का अव्यवहारिक होना है।
मकान मालिक और किराएदारों के बीच लिखित करार नहीं होता
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत किरायेदारों से जो दस्तावेज मांगे गए हैं उन्हें उपलब्ध कराना मुश्किल है। यहां की कच्ची कॉलोनियों, गांवों में न तो किरायेदारों के पास किराया करारनामा होता है और न ही किराया भुगतान की रसीद। पहचान पत्र भी कुछ लोगों के पास ही उपलब्ध हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि मकान मालिक किरायेदारों से न तो कोई लिखित करार करता है और न उन्हें किराया लेने के बाद कोई रसीद देता है। इस स्थिति में वह मुख्यमंत्री किरायेदार बिजली मीटर योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। किराया करारनामा करने और किराया की रसीद देने वाले अधिकांश मकान मालिक अलग से बिजली कनेक्शन लिए रहते हैं।
दरअसल, सितंबर महीने में सीएम केजरीवाल ने मुख्यमंत्री किरायेदार बिजली मीटर योजना का एलान किया था। इस योजना के तहत दिल्ली के करीब चासीस लाख किरायेदारों को लाभ मिलने का अनुमान लगाया गया है। इस योजना के तहत प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे और लोगों को दो सौ यूनिट बिजली मुफ्त में दी जाएगी।
ये है नियम व शर्ते
किरायेदार उपभोक्ता को www.bsesdelhi.com की वेबसाइट पर जाकर मीटर के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए किसी भी तरह का रेंट एग्रीमेंट मान्य है। उपभोक्ताओं को राशन कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र में से कोई एक आईडी देनी होगी। इसके अलावा 3000 रुपये सिक्युरिटी मनी भी देना पड़ेगा। सरकार का दावा है कि जो किरायेदार प्रीपेड मीटर के लिए आवेदन करेंगे उन्हें फ्री होम डिलीवरी की जाएगी।