कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की बेटी व प्रचार समिति अध्यक्ष की पत्नी सहित सभी दिग्गज हारे, जमानत जब्त
विधानसभा चुनाव में इस बार भी कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। और तो और उसके अधिकांश नेता अपने परिचितों को भी चुनाव नहीं जीता पाए। अधिकांश की जमानत जब्त हो गई।
नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। तीन बज गए हैं और कमोबेश सभी 70 सीटों पर तस्वीर साफ हो चुकी है। आम आदमी पार्टी ने जहां शानदार सफलता हासिल की है वहीं भाजपा भी अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने में तो कामयाब रही ही है। लेकिन कांग्रेस अपना वजूद बचा पाने में भी नाकामयाब रही। किसी एक सीट पर भी जीत दर्ज करा पाना तो दूर की बात, ज्यादातर प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके हैं। इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा कभी भी पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष् सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा कालकाजी से बुरी तरह परास्त हुई है। प्रचार समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद संगम विहार से हार गईं। मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा की जमानत जब्त हो गई। पूर्व सांसद परवेज हाशमी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ, पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली, हारून यूसुफ, डा. नरेंद्र नाथ, पूर्व कददावर विधायक चौ. मतीन अहमद, जयकिशन, देवेंद्र यादव, सौमेश शौकीन सहित पार्टी के सभी उम्मीदवार पराजित हो गए।
2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट फीसद नौ था जोकि इस बार घटकर चार से पांच फीसद रह गया है। पार्टी का पूरा जनाधार ही लौटने के बजाए आम आदमी पार्टी को चला गया है। आलम यह हो रहा है कि कांग्रेस तो चुनावी चर्चा से भी बाहर होती जा रही है। पार्टी नेता इस हद तक सदमे में हैं कि उन्हें तो इस हार का कारण ही समझ नहीं आ रहा। कोई इसके लिए दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मौत के हाशिए पर आई पार्टी काे इसका कारण बता रहा है तो कोई पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा प्रचार में दिलचस्पी नहीं लेने की बात कह रहा है। कुछ नेता टिकट वितरण में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप भी लगा रहे हैं।
इस बीच पार्टी अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इस करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए किसी और को दोष नहीं देंगे बल्कि प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते स्वयं को इसके लिए दोष देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी और जहां जरूरत होगी, वहां सुधार भी किया जाएगा। पार्टी जनहित के मुददे आगे भी उठाती रहेगी।