Delhi Election 2020 : द्वारका सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, आप का साथ छोड़ कांग्रेस में आए आदर्श शास्त्री की प्रतिष्ठा दांव पर
यह सीट इसलिए खास हो गई क्योंकि इस बार आप के आदर्श शास्त्री ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। 2020 विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार है।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल । Delhi Election 2020 : दिल्ली की 70 सीटों में द्वारका विधानसभा सीट एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचल क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस इलाके में जिला मुख्यालय होने के चलते इस सीट का दिल्ली की राजनीति में बेहद अहम है। 2008 में द्वारका को अलग विधानसभा घोषित किया गया। तब कांग्रेस के महाबल मिश्रा ने यहां से पहली बार निर्वाचित हुए थे। उन्होंने भाजपा के पद्युमन राजपूत को हराया था। हालांकि 2008 में हुए उपचुनाव में पद्युमन ने पिछली हार का बदला लेते हुए जीत दर्ज की। वर्तमान में यहां से आम आदमी पार्टी के आदर्श शास्त्री विधायक चुने गए। द्वारका इलाके को दिल्ली डवलेपमेंट अथॉरिटी स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने में जुटी है। इस इलाके में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी है।
द्वारका विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
यह सीट इसलिए खास हो गई क्योंकि इस बार आप के आदर्श शास्त्री ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। 2020 विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार है। इसलिए इस सीट पर केजरीवाल को जीत दर्ज करना एक बड़ी चुनौती होगी। द्वारका विधानसभा सीट पर चुनावी गणित इस बार आपको थोड़ा भ्रमित करने वाला हो सकता है। 2015 में इलाके के मौजूदा विधायक आदर्श शास्त्री आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। वह इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं तो 2015 में कांग्रेस का हाथ थामकर खड़े विनय मिश्रा इस बार आम आदमी पार्टी का दामन थाम चुके हैं। हालांकि बीजेपी ने इस बार भी प्रद्युम्न राजपूत पर भरोसा जताया है।
कौन है आदर्श शास्त्री
- इनके दादाजी देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे, तो पिता अभी भी पक्के कांग्रेसी हैं। वह सांसद रह चुके हैं। बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 में पाकिस्तान के साथ लड़ाई में कुशल नेतृत्व का परिचय तो दिया ही। साथ में, 'जय जवान और जय किसान' का नारा भी दिया था।
- देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बड़े पुत्र अनिल शास्त्री के बेटे हैं आदर्श शास्त्री। आम आदमी पार्टी से जुड़ने से पहले वे एप्पल और वोडाफोन जैसी कई बड़ी कंपनियों में काम कर चुके हैं।
- एप्पल में वे सालाना एक करोड़ से ज्यादा के पैकेज पर काम कर रहे थे। इसे छोड़कर उन्होंने आप ज्वाइन की इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के समय वह अरिवंद केजरीवाल के साथ उन्होंने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं से वह केजरीवाल के निकट आए। बाद में वह आप से जुड़ गए।
- आप ने उन पर आस्था प्रकट करते हुए द्वारका विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया और वह विजयी रहे। लेकिन बाद में आप से उनका मोह भंग हुआ। उन्होंने आप का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया।