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Delhi Election 2020: भारतीय जनता पार्टी सभी 62 सीट पर हार की करेगी समीक्षा

Delhi Election 2020 BJP का मानना है कि दिल्ली में अब कांग्रेस का जनाधार लगभग समाप्त हो गया है और AAP के साथ उसका सीधा मुकाबला है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 09:27 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 09:27 AM (IST)
Delhi Election 2020: भारतीय जनता पार्टी सभी 62 सीट पर हार की करेगी समीक्षा
Delhi Election 2020: भारतीय जनता पार्टी सभी 62 सीट पर हार की करेगी समीक्षा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Election 2020 : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा को मिली करारी हार की समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात की। करीब दो घंटे चली बैठक में चुनाव परिणामों पर चर्चा हुई। मनोज तिवारी अब शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में दिल्ली के नेताओं संग बैठक कर प्रत्येक सीट की समीक्षा करेंगे। समीक्षा रपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी। पार्टी का मानना है कि दिल्ली में अब कांग्रेस का जनाधार लगभग समाप्त हो गया है और AAP के साथ उसका सीधा मुकाबला है। इसे ध्यान में रखकर 51 फीसद मत हासिल करने की रणनीति तैयार की जाएगी। 

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शुक्रवार को होने वाली बैठक में विस चुनाव के सभी प्रत्याशी, प्रदेश पदाधिकारी, मंडलों-जिलों के अध्यक्ष व कार्यकर्ता शामिल होंगे। नेताओं व कार्यकर्ताओं से यह जानने की कोशिश की जाएगी कि चुनाव प्रचार के दौरान उठाए गए मुद्दों को लेकर आम जनता की क्या प्रतिक्रिया थी, स्थानीय स्तर पर क्या समीकरण थे, प्रचार में क्या कमी थी और किन कारणों से मतदाता पार्टी से दूर हुए।

मीडिया से बात करते हुए दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि हार से निराशा जरूर हुई है, लेकिन हम हताश नहीं हैं। हार की समीक्षा करने के बाद अगले चुनावों की तैयारी शुरू कर देंगे। एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा घोषित नहीं करने का फैसला सामूहिक था। दिल्ली में पहली बार चेहरा घोषित किए बगैर चुनाव लड़ने का प्रयोग किया था। इसकी भी समीक्षा होगी। उन्हें लगता है कि चेहरा घोषित करने से फायदा होता।

वहीं, कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब मुकाबला भाजपा और आप में है। पिछले विस चुनाव में कांग्रेस को लगभग दस फीसद वोट मिले थे। इस बार वह पांच फीसद भी वोट नहीं ले सकी। कांग्रेस के इस खराब प्रदर्शन का भी हमें नुकसान हुआ है। इसे ध्यान में रख 51 फीसद से ज्यादा वोट हासिल करने के लिए पार्टी काम करेगी।


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