EC के ट्विटर पर शिकायत से प्रशासन में मची खलबली, वोट बनाने घर पहुंचे अधिकारी
पृथला विधानसभा के गांव जल्हाका निवासी अशोक कुमार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को किए एक ट्वीट ने जिला निर्वाचन कार्यालय में खलबली मचा दी।
फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। आयोग का चाबुक केवल प्रत्याशियों पर नहीं पड़ता, बल्कि चुनाव से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी भी इसके दायरे में आते हैं। पृथला विधानसभा के गांव जल्हाका निवासी अशोक कुमार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को किए एक ट्वीट ने जिला निर्वाचन कार्यालय में खलबली मचा दी।
अशोक कुमार सोमवार को बेटी का नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए जरूरी कागजात लेकर जिला चुनाव निर्वाचन सेक्टर-12 पहुंचे थे। यहां कर्मचारियों ने उनसे कहा कि आचार संहिता के चलते अब उनकी बेटी का नाम सूची में दर्ज नहीं हो सकता। साथ ही कहा कि अगर वे अब आवेदन करते हैं तो बेटी लोकसभा चुनाव की बजाय प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान कर पाएगी।
अशोक निराश होकर घर लौट आए, मगर उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने ट्विटर पर सीईओ हरियाणा के नाम से बने अकाउंट पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी हरियाणा को इस वाकये के बारे में ट्वीट कर दिया। ट्विटर पर सीईओ हरियाणा अकाउंट ने तुरंत संज्ञान लिया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से अशोक के पास फोन आया। उनसे पूरी जानकारी ली गई।
इसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने ट्विटर पर ही जिला निर्वाचन कार्यालय को तुरंत प्रभावी कदम उठाने को कहा। थोड़ी देर बाद ही जिला निर्वाचन कार्यालय से अधिकारियों के फोन अशोक के पास पहुंचने शुरू हो गए। उनसे कहा गया कि बीएलओ उनके घर आकर खुद फॉर्म-6 भरेंगे।
घर से ही उनके जरूरी कागजात लेकर बेटी का नाम मतदाता सूची में दर्ज करने के लिए आवेदन कर दिया जाएगा। जिला निर्वाचन कार्यालय ने यह बात ट्विटर पर भी कही। मतदाता के पास ट्विटर के अलावा और भी कई तरीके हैं जिनसे वे अपनी शिकायत कर सकते हैं। शिकायतकर्ता अशोक कुमार ने कहा कि ट्वीट पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई। मतदाता के रूप में अपनी ताकत का अहसास हुआ।