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छत्तीसगढ़ में चुनावी भोंपू बजने के बाद बंद होने लगे साप्ताहिक हाट-बाजार

चुनाव में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने अधिकतम 50 हजार रुपये लेकर चलने की छूट ही दी है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 09:15 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 09:32 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में चुनावी भोंपू बजने के बाद बंद होने लगे साप्ताहिक हाट-बाजार
छत्तीसगढ़ में चुनावी भोंपू बजने के बाद बंद होने लगे साप्ताहिक हाट-बाजार

जगदलपुर, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही 50 हजार रुपये से अधिक लेकर आने-जाने पर लगे प्रतिबंध ने दक्षिण बस्तर के हाट-बाजारों को सूना करना शुरू कर दिया है। नकदी रकम की इस सीमा से व्यवसायी बाजार जाने से कतराने लगे हैं। इस नियम का सबसे अधिक असर बस्तर पर ही पड़ा है। इसके कारण से चुनाव तक गांवों के बाजार में सामान कम पहुंचेगा, इससे ग्रामीणों को दिक्कत हो सकती है।

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चुनाव में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने अधिकतम 50 हजार रुपये लेकर चलने की छूट ही दी है। इससे अधिक की रकम मिलने पर कार्रवाई होने के भय के चलते बस्तर के परंपरागत हाट-बाजारों में इन दिनों रौनक कम होने लगी है। वनोपज व गल्ला व्यवसायी अधिक रकम लेकर बाजार आते-जाते हैं। इसका कारण यह है कि बाजार में ग्रामीणों के द्वारा संग्रहित वनोपजों की खरीदी बड़े पैमाने पर होती है। इसका भुगतान के लिए व्यापारी रकम लेकर जाते हैं। वहीं ग्रामीण भी अपने दैनिक उपभोग की वस्तुओं की खरीदी करते हैं।

रकम की तय सीमा के चलते ऐसे व्यापारियों ने बाजार से दूरी बनाना शुरू कर दिया है, जो बड़ी रकम लेकर आते-जाते हैं। बाजार की रौनक जाने के साथ ग्रामीणों की परेशानी बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। अभी यह स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है लेकिन आगामी दिनों में सुरक्षा बलों की जगह- जगह तैनाती से जांच ज्यादा कठोर हो जाएगी। तब उनके वनोपज की बिक्री प्रभावित होने के साथ खरीदी पर भी असर नजर आएगा। शुक्रवार को बीजापुर जिले के बासागुड़ा और रविवार को सुकमा जिले के गादीरास में साप्ताहिक बाजार भरता है। यहां आम दिनों के मुकाबले इस बार कम व्यापारी आए थे।

रास्तों पर लगने लगे नाके

चुनाव के चलते सुरक्षा व अन्य कारणों से नगरों के साथ बाजार भरने वाले स्थानों पर मार्गों में नाके लगने लगे हैं। कुछ व्यवसायियों ने चर्चा में कहा कि आगामी दिनों में यहां से सघन जांच के बाद ही लोगों का गुजरना हो सकेगा। तब ज्यादातर व्यापारी बाजार से दूर रहेंगे, जैसा कि पिछले चुनावों में होता रहा है।

धर-पकड़ शुरू हो गई

50 हजार रुपये से अधिक की रकम लेकर चलने की मुसीबत नजर आने लगी है। सोमवार को दरभा में सुकमा की ओर से आने वाले एक व्यवसायी से डेढ़ लाख रुपये बरामद किए गए। पुणे निवासी उक्त व्यवसायी से रकम जब्त कर पुलिस के सुपुर्द की गई है। इससे पूर्व 12 अक्टूबर को जगदलपुर के पास आड़ावाल में दो अलग-अलग वाहनों से करीब साढ़े पांच लाख रुपये बरामद किए गए थे।


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